लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : मुबंई के अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था के द्वारा श्री राम कथा विश्व संदर्भ महाकोश के 58 खंडीय परियोजना के अंतर्गत द्वितीय खंड ‘भजन कीर्तन में श्री राम का संदर्भ’ का लोकार्पण 10 अक्टूबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में श्रीशिव शक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी के संरक्षण में भारत सरकार के मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा किया गया.

राम कथा विश्व संदर्भ महाकोश (इन्साक्लोपीडिया ऑफ रामायण) के ‘राम कथा का जनमानस पर प्रभाव’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के 58 खंडीय परियोजना अंतर्गत द्वितीय खंड ‘भजन कीर्त्तन में श्रीराम’ ग्रंथ के लोकार्पण समारोह में श्रीशिव शक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान राम केवल अयोध्या या भारत के ही राजा नहीं बल्कि संपूर्ण वसुंधरा के राजा थे. दुनिया का कोई ऐसा देश या क्षेत्र या संस्था नहीं है, जहां कि प्रभु राम ना हों. वहां की संस्कृति, जनजीवन, आहार-विहार, आचार विचार व सभ्यता संस्कृति में भगवान श्री राम हैं और उनका हर जनमानस पर पूरा प्रभाव है. साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान राम से त्यागमय जीवन की शिक्षा मिलती है और भगवान श्रीराम कण कण में व्याप्त हैं.
मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय राज्य पर्यावरण मंत्री अश्विनी चौबे सहित डॉ स्वामी दिव्यानंद जी महाराज, मॉरीशस निवासी ज्ञान धानुक चंद, ग्रंथ संपादक सह सचिव डॉ प्रो प्रदीप कुमार, अध्यक्ष बनवारी लाल जाजोदिया, डॉ गोपाल राय, डॉ हिमांशु मोहन मिश्र आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन रमा शंकर शुक्ल ने किया और आयोजन में शिम्पू कुमार सिंह व सतीश कनौजिया की सक्रिय भूमिका रही.