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अरे वाह…’स्मोक फाउंटेन इफेक्ट्स’ आर्ट में माहिर निकला पारा मेडिकल का यह छात्र

लाइव खगड़िया : प्रतिभा कभी भी परिस्थितियों का मोहताज नहीं होता है और इसे कभी भी प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी एक ना एक दिन प्रतिभा निखर कर सामने आ ही जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी है अद्भुत प्रतिभा के धनी अंकित की. दरअसल जब भी अंकित अपनी रचनात्मक सोच को जमीं पर उतारने की कोशिश करता था तो उन्हें अपने पिता का ताना सुनना पड़ता था. वैसे भी हर पिता की चाहत होती है कि उसका बेटा अच्छी तरह से पढ़ाई-लिखाई कर आज के अर्थ युग में वे जल्द से जल्द अपने पैरों पर खड़ा हो जाये. लेकिन कुछ अलग करने का जुनून तमाम बंदिशों के बाद भी अपना रास्ता ढूंढ़ ही लेता है और जब अंकित भी इस राह पर चल कुछ अलग कर गया तो उसके पिता ने भी दांतों तले उंगली दबा ली.

पहले आप इस वीडियो पर गौर फरमायें

वीडियो में शिवलिंग पर दूध की धारा प्रवाहित होता प्रतित हो रहा होगा. लेकिन वो दूध नहीं बल्कि धूपबत्ती का धुंआ है और इस कला को ‘स्मोक फाउंटेन इफेक्ट्स’ नाम से जाना जाता है. वैसे इस कला का प्रदर्शन करने के लिए ऑनलाइन सामग्री उपलब्ध है. लेकिन जब कोई कलाकार जुगाड़ तकनीक से इस कला का बेहतर ढ़ंग से प्रदर्शन कर दे तो उनकी कलाकारी को दाद देना ही होगा और कुछ ऐसा ही अंकित कर गए हैं. उन्होंने दिपावली के दिन अपने पूजा घर में रखे महादेव की मूर्ति के उपर धूपबत्ती जलते हुए इस कला का बेहतर प्रदर्शन किया. जो कि सोशल साइट पर वायरल हो रहा है.

‘स्मोक फाउंटेन इफेक्ट्स’ को इस वीडियो से समझें

बताया जाता है कि इस कला का प्रदर्शन के लिए धूपबत्ती के अंदर का होल का बड़ा महत्व होता है और ऐसा धूपबत्ती ऑनलाइन उपलब्ध है. लेकिन अंकित ने स्थानीय बाजार में उपलब्ध सामान्य धूपबत्ती को कुछ घंटों की मशक्कत के बाद आतिशी धूपबत्ती में तब्दील करने में सफल रहे और फिर उन्होंने एक छोटा घड़ा में भी कुछ इसी अंदाज में होल कर अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल रहे. अंकित बताते हैं है कि इस कला के मैकेनिज्म को वे इंटरनेट के माध्यम से समझा और फिर प्रयास के बाद उन्हें सफलता मिली.

22 वर्षीय अंकित जिले के एक दैनिक हिन्दी अखबार के जाने-माने पत्रकार रोशन कुमार के पुत्र है. कल तक अंकित की प्रतिभा को धत्ता बताने वाले उनके पिता आज अपने पुत्र के कलाकारी का कायल हैं. बहरहाल अंकित जिले के शहीद प्रभु नारायण पारा मेडिकल कॉलेज से मेडिकल लैब टेक्नीशियन (MLT) की पढ़ाई कर रहे हैं.

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