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महासेतु का सुपर स्ट्रक्चर गिरने मामले की जांच के लिए दो टेक्निकल टीम गठित

लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : निर्माणाधीन अगुवानी – सुल्तानगंज महासेतु का सुपर स्ट्रक्चर शुक्रवार देर रात करीब साढ़े तीन बजे तेज आंधी की वजह से गिर गया. मिली जानकारी के मुताबिक ब्रिज कंस्ट्रक्शन साइट के गंगा किनारे स्थित पिलर नंबर 4, 5, 6 को केबल एक्सटेंशन से जोड़ने वाली सिग्मेंट लगभग 108 मीटर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. महासेतु का निर्माण हरियाणा के पंचकूला की कंपनी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जा रहा है. लेकिन स्ट्रक्चर गिरने के संबंध में निर्माण एजेंसी कुछ भी बताने से इंकार कर रही है.

इधर बिहार पुल निगम निर्माण लिमिटेड के चेयरमैन पंकज कुमार पाल कंस्ट्रक्शन साइट का जायजा लेने के लिए शनिवार की दोपहर पहुंचे. साथ ही आईआईटी रुड़की और एनआईटी पटना की टीम को भी जांच के लिए भेजा गया है. हलांकि मामले की वजह जांच के बाद ही सामने आयेगा. लेकिन फिलहाल जो बातें निकल कर सामने आ रही है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि केवल एक्सटेंशन कसने में हुए टेक्निकल फॉल्ट की वजह से सुपर एक्सट्रैकचर गिरा है. बिहार राज्य पुल निगम निर्माण लिमिटेड के चेयरमैन के अनुसार डेडलाइन दिसंबर 2022 की दी गई है. उसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा और तय समय पर कार्य पूरा किया जाएगा.

बिहार पुल निगम निर्माण लिमिटेड के चेयरमैन पंकज कुमार पाल ने बताया है कि 5 नंबर पिलर से 4 व 6 नंबर को जोड़ने के लिए दोनों बगल 18-18 सेगमेंट लगाए गए थे. जिसको केवल एक्सटेंशन से एक दूसरे से जोड़ने का कार्य जारी था. एक सेगमेंट की लंबाई 3 मीटर है. एक्स आकार के पिलर से दोनों साइड सात-सात केवल एक्सटेंशन जोड़े गए थे. जिससे तार निकालकर हर एक सेगमेंट को जोड़ा जाता है. कार्य प्रगति होने की वजह से सारे सिग्मेंट एक दूसरे से केबल के सहारे पूरी तरह से नहीं जुड़े थे. हवा का तेज दबाव होने की वजह से एक-एक करके केबल टूटने की संभावना जतलाई जा रही है. जिसकी वजह से दोनों बगल सेगमेंट नीचे गिर गया. ऐसा प्राथमिक जांच से प्रतीत हो रहा है. हलांकि टेक्निकल टीम के द्वारा सोमवार से जांच प्रक्रिया शुरू की जाने की संभावना है.


मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार के परिवहन मंत्री नितिन नवीन के द्वारा जांच के लिए एनआईटी पटना और आईआईटी रुड़की की टीम को भेजा गया है. मामले की जांच के लिए दो टेक्निकल टीम का गठन किया गया है. जांच टीम में एनआईटी पटना के प्रोफेसर सुमैया निर्देशन में कार्य करेगी. जबकि दूसरी टीम में आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर भार्गव और प्रोफेसर महेश टंडन शामिल हैं. बताया जाता है कि ड्रोन से रविवार को पूरे निर्माण क्षेत्र की फोटोग्राफी कराई जाएगी.

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