लाइव खगड़िया : भू-अभिलेख (जमाबंदी पंजी-टू) से महंथ का नाम हटाने का अपर समाहर्ता शत्रुन्जय कुमार मिश्रा ने आदेश जारी किया हैं. मिली जानकारी के मुताबिक सदर अंचल अधिकारी के द्वारा दायर जमाबंदी रद्दीकरण वाद पर सुनवाई करते हुए अपर समाहर्ता ने न सिर्फ जमाबंदी पंजी-टू से राम जानकी ठाकुरबाड़ी के महंथ दया सागर दास का नाम हटाने के आदेश दिया है, बल्कि भगवान की संपत्ति पर महंथ के निजी दावे को भी खारीज कर दिया है. अपर समाहर्ता ने सदर अंचल अधिकारी को उक्त आदेश का अनुपालन कराने को कहा है.
बताया जाता है कि सदर अंचल स्थित ओलापुर मौजा में करीब 12 बीघा तथा गंगौर मौजा स्थित 13.18 बीघा सहित कुल लगभग 25 बीघा ठाकुरबाड़ी की जमीन की जमाबंदी से महंथ के नाम हटाने के आदेश दिया गया हैं. गौरतलब है कि हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी भगवान की संपत्ती से महंथ/सेवायत के नाम भू-अभिलेख से हटाने के आदेश जारी किया गया था.
बेची गई जमीन की जमाबंदी भी हुई रद्द.
राम जानकी ठाकुरबाड़ी की बेची गई की जमीन की जमाबंदी को भी अपर समाहर्ता शत्रुन्जय कुमार मिश्रा ने बिहार भूमि दाखिल-खारीज अधिनियम की धारा-9 के तहत रद्द कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक जहांगीरा मौजा स्थित ठाकुरबाड़ी की लाखों रुपये की जमीन की विक्री तत्कालीन महंथ जानकी बल्लभ दास के द्वारा की गई थी. जिसकी जमाबंदी कायम कर दी गई थी. बताया जाता है कि अंचल अधिकारी द्वारा भेजे गए जमाबंदी रद्दीकरण प्रस्ताव पर सुनवाई करते हुए अपर समाहर्ता ने ठाकुरबाड़ी की बेची गई जमीन की जमाबंदी को रद्द कर दिया. अपर समाहर्ता ने जारी आदेश में कहा है कि विक्रेता (तत्कालीन महंथ) द्वारा अपने गुरु को पिता बनाकर तथा जमीन को अपनी निजी सम्पत्ति बताकर बेचा गया, जो विधी संगत नहीं है. सुनवाई के बाद जारी आदेश में अपर समाहर्ता ने कहा है कि उक्त भूमि बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद में निबंधित है. लेकिन न्यास की अनुमति के वगैर ही प्रश्नगत जमीन की जमाबंदी कायम कर दी गई.
धार्मिक न्यास के आदेश और सीओ के प्रस्ताव पर हुई कार्रवाई.
बता दें कि बिहार धार्मिक न्यास पर्षद के द्वारा राम जानकारी ओलापुर गंगौर की जमीन की जमाबंदी से महंथ दया सागर दास का नाम हटाने को लेकर अंचल अधिकारी को पत्र लिखा था. इधर अंचल अधिकारी के द्वारा अपर समाहर्ता को महंथ के नाम कायम जमाबंदी रद्दीकरण का प्रस्ताव भेजा गया था. अंचल अधिकारी ने अपर समाहर्ता को भेजे प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख किया था कि राम जानकी ठाकुरबाड़ी के महंथ अवैध तरीके से ठाकुरबाड़ी की जमीन की जमाबंदी अपने नाम कायम करवा कर मंदिर की सम्पदा का दुर्विनियोग कर रहे हैं. गौरतलब है कि धार्मिक न्यास पर्षद के द्वारा पूर्व में ही ठाकुरबाड़ी की उक्त जमीन की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी.