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बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा एनडीए को पड़ न जाये भारी, चिराग पासवान के पास भी जवाब नहीं

लाइव खगड़िया (मनीष कुमार मनीष) : वैसे तो आज के राजनीतिक परिदृश्य में नीति व सिद्धांत की बातें करना बेईमानी है. लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि कुछ वैसी बातों को भी आमजन के बीच रख दिया जाये, जिसे हजम करना आसान नहीं . चुनावी मौसम है और एक तरफ खगड़िया संसदीय सीट से एनडीए समर्थित लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा को बाहरी बता विपक्ष मामले को हवा दे रही है. दूसरी तरफ मामले को लेकर एनडीए के नेताओं को कोई जवाब नहीं मिल रहा. हालांकि मंगलवार को लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस मामले पर पानी फेरने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने जो तर्क दिया उसे आमजन हजम नहीं कर पा रहे हैं. दरअसल लोजपा (रा) प्रत्याशी राजेश वर्मा ने मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल किया था. इस अवसर पर आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने कहा था कि उनके पिता रामविलास पासवान का जन्म खगड़िया में हुआ है और वे भी अपने पिता की तरह खगड़िया के बेटे हैं. बात महज इतनी सी होती तो कुछ और बात होती. लेकिन उन्होंने दो कदम आगे बढ़ते हुए राजेश वर्मा को भी खगड़िया का बेटा बता दिया. इस क्रम में चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने अपने छोटे भाई को खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है और उनका छोटा भाई होने के‌ लिहाज से राजेश वर्मा भी खगड़िया के बेटे हैं.

उल्लेखनीय है कि राजेश वर्मा की राजनीतिक कर्मभूमि अबतक भागलपुर ही रहा था. लेकिन लोजपा (रा) ने उन्हें खगड़िया संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया है. उनकी उम्मीदवारी को लेकर जिले के राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हैं. इधर नामांकन के एक दिन पूर्व आयोजित प्रेस वार्ता में भी मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भी राजेश वर्मा खुद जिले की राजनीतिक जगत के लिए कई सवाल छोड़ गए थे.

दरअसल सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान‌ खगड़िया संसदीय सीट से अपनी उम्मीदवारी के चयन को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राजेश वर्मा ने कहा कि संगठन का निर्देश उनके लिए सर्वोपरि है और‌ यह संगठन का निर्णय था. साथ ही उन्होंने कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक युवा को अवसर दिया है, जो अपनी बातों को सदन के पटल पर मजबूती से रख सके. इधर उम्मीदवार चयन के मामले में लोजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा के जवाब के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी था कि लोजपा के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के गृह जिला में पार्टी के पास एक भी ऐसा युवा चेहरा नहीं था, जो यहां की आवाज को सदन में मजबूती से रख सकता था. सवाल तो यह भी है कि खगड़िया की मिट्टी से निकल देश‌ के राजनीतिक जगत में चमकने वाले दिवंगत रामविलास पासवान के गृह जिला में भी पार्टी को अन्य जिले से उम्मीदवार तलाश करना पड़ा है. बहरहाल भले ही मामला संगठन का आंतरिक हो, लेकिन भावनाएं संगठन के जिला स्तरीय कार्यकर्ताओं से भी जुड़ी हुई है. गौरतलब है कि खगड़िया संसदीय सीट में जिले के खगड़िया, अलौली, परबत्ता व बेलदौर सहित सहरसा जिले का सिमरी बख्तियारपुर एवं समस्तीपुर जिले का हसनपुर विधानसभा क्षेत्र आता है. लेकिन इन विधानसभा क्षेत्रों से इतर भागलपुर की राजनीतिक जमीन से लोजपा (रा) ने उम्मीदवार चयन करना बेहतर समझा है.

उल्लेखनीय है कि खगड़िया लोकसभा सीट से एनडीए ने लोजपा (रामविलास) के राजेश वर्मा को एवं‌ इंडिया गठबंधन ‌ने सीपीआईएम के संजय कुमार को प्रत्याशी बनाया है.  सीपीआईएम प्रत्याशी संजय कुमार जिले के सदर प्रखंड के माडर गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता योगेन्द्र सिंह खगड़िया विधानसभा क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं.  जबकि लोजपा (आर) प्रत्याशी राजेश वर्मा भागलपुर के बड़े सर्राफ व्यावसायी हैं. 2017 में उन्होंने भागलपुर नगर निगम से राजनीति में कदम रखा. वे लोजपा की टिकट से 2020 में भागलपुर से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके है. इस चुनाव में वे तीसरे नंबर पर रहे थे.

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