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सासू मां से छठ पूजा की जिम्मेदारी लेने हांगकांग से अकेले ही खगड़िया पहुंच गई बहू

लाइव खगड़िया : 17 सालों से हांगकांग में रहने वाली एक बहू अपनी सास से छठ पूजा की जिम्मेदारी लेने करीब 3,500 किलोमीटर का सफर तय कर जिले के परबत्ता प्रखंड के अगुआनी पहुंच चुकी है. छठ मैया के प्रति आस्था और परिवार के सदस्यों के प्रति प्रेम ही शायद वो था कि हांगकांग से खगड़िया तक का सफर शिवानी सिंह अकेले ही तय कर गईं. बताया जाता है कि शिवानी के पति प्रवीण कुमार सिंह हांगकांग में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और काम की व्यस्तता व बच्चे के एग्जाम की वजह उनके पति का छठ पर्व में घर आना संभव नहीं हो सका. ऐसे में शिवानी ने अकेले ही आने का फैसला किया और उन्होंने यहां पहुंच महापर्व की परंपरा को निभाने का संकल्प लिया.

बताया जाता है कि एनआरआई इंजीनियर की मां ने अपने बेटे से महज इतना कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से वह अब छठ पूजा नहीं कर पाएगी और इस बार वह छठ पूजा बैठा लेंगी. बस इतना सुन आगे छठ पूजा करने की जिम्मेवारी लेने बहू हांगकांग से खगड़िया पहुंच गई. शिवानी सिंह अपनी सासू मां के बदले अगले साल से स्वयं छठ करेंगी. इस बार उनकी सासू मां अंतिम बार छठ कर रहीं हैं और अगले साल से इस परंपरा का निर्वहन शिवानी करने का संकल्प ले चुकी है. बताया जाता है कि 25 अक्टूबर को शिवानी हांगकांग से इंडिया के लिए प्लेन से चली थी. जहां से वे दिल्ली पहुंचीं और फिर प्लेन से ही दिल्ली से पटना आयीं. जहां से कार से वे अपनी ससुराल अगुआनी पहुंची और अपनी सासू मां से छठ पूजा की जिम्मेदारी ली.

मिली जानकारी के अनुसार शिवानी अपने पति के साथ पिछले 17 सालों से हांगकांग में रह रहीं थीं. इस बीच उन्हें मात्र 2 से 3 बार छठ पर्व के अवसर पर ससुराल आने का मौका लगा था. लेकिन पूजा की जिम्मेदारी लेने के बाद शिवानी बताती हैं कि वे अब हर वर्ष छठ करने ससुराल आतीं रहेगी. बताया जाता है कि 67 वर्षीय उनकी सासू मां रूपा सिंह 31 साल पहले अपने सास योगमाया देवी से छठ करने का संकल्प लिया था और इस वर्ष तक वो अपनी जिम्मेदारी को निभाते रहीं और अब उन्होंने यह जिम्मेदारी अपनी बहू को दे दी है. उनका परिवार एक संयुक्त परिवार है. लेकिन वर्षों तक विदेश में रहने वाली शिवानी अपने गांव की सभ्यता, पर्व की आस्था और घर की बड़ी बहू होने का फ़र्ज़ नहीं भूलीं और हजारों किलोमीटर का सफर अकेले ही लांघ गई.

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