
अक्षय नवमी : इस दिन आंवला पेड़ के नीचे भोजन करने का है महत्व
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी कहा जाता है. इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करके उसके नीचे बैठकर भोजन करने का महत्व है. ऐसी मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करने से घर-परिवार में स्थायी सुख-संपत्ति का वास होता है और उस परिवार की खुशियां कभी कम नहीं पड़ती व अक्षय रहती है. कई जगह महिलाएं उत्तम संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी आंवला नवमी की पूजा और व्रत करती हैं.
शनिवार को आंवला पेड़ के नजदीक महिला श्रद्धालुओ की भीड़ देखी गई. इस दौरान खास कर के कुंवारी कन्याएं काफ़ी उत्साहित नजर आए. शाम को आंवला पेड़ के नीचे विशेष पूजा अर्चना किया गया. इसके पूर्व श्रद्धालु प्रातःकाल उठकर स्नान-ध्यान से निवृत होकर आंवले के वृक्ष के नीचे पहुंचे. वहीं सामूहिक रूप से आंवले के पेड़ में धागा लपेटा गया और फिर वहीं खाना बनाकर परिजनों को खिलाया गया. आंवला नवमी या अक्षय नवमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन की गलियां छोड़ मथुरा प्रस्थान कर गए थे. इस दिन से उन्होंने अपनी बाल लीलाओं का त्याग कर कर्तव्य के पथ पर कदम रखा था.