लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : कहा जाता है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. कुछ ऐसी ही संभावना को भांपते हुए जिले की राजनीतिक मैदान में युवा नेता शिवराज यादव ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. पिछले दिनों चिराग पासवान के प्रति विश्वास व्यक्त कर लोजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले शिवराज यादव को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. जिसे जिले राजनीतिक गलियारे में एक शुरूआत के तौर पर देखा जा रहा है.
हलांकि शिवराज यादव के लिए लोजपा का दामन थाम लेने का फैसला उतना आसान भी नहीं था. अबतक उनकी छवि जाप के एक समर्थक के तौर पर ही रही थी. उल्लेखनीय है शिवराज यादव नगर परिषद के पूर्व सभापति सह जाप के चर्चित नेता मनोहर कुमार यादव के भाई हैं. गठबंधन के राजनीतिक दौर में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव के करीबी माने जाने वाले मनोहर यादव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पार्टी की ‘एकला चलो नीति’ से अबतक पूरी नहीं हो सकी है. दूसरी तरफ लोजपा ने जब कभी गठबंधन की राजनीति में विश्वास किया है उसे आशातीत सफलता ही मिली है और माना जा सकता है विगत विधानसभा चुनाव से सबक लेकर पार्टी का चुनावी राजनीति में यह सिलसिला आगे भी जारी रहे. यदि ऐसा होता है तो यह नवमनोनीत जिलाध्यक्ष शिवराज यादव के लिए खगड़िया विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा अवसर पैदा कर सकता है और यह उनके राजनीतिक जीवन का एक टर्निंग प्वाइंट भी साबित हो सकता है. वैसे भी क्षेत्र के चुनावी राजनीति में जातिगत आधार भी शिवराज यादव की राह को आसान बना सकता है.
उल्लेखनीय है एनडीए के घटल दलों के बीच खगड़िया विधानसभा सीट जदयू कोटे की रही है और चिराग पासवान व नीतीश कुमार के बीच की अदावत किसी से छिपी नहीं है. हलांकि आगामी विधानसभा चुनाव के वक्त तक गठबंधन का क्या स्वरूप होगा, यह कहना अभी मुश्किल है. साथ ही उस वक्त लोजपा का स्टैंड क्या होगा , यह देखना भी दीगर होगा. लेकिन दोनों ही स्थितियां शिवराज यादव के लिए एक नई संभावना पैदा कर सकता है. बहरहाल शिवराज यादव ने जिले के राजनीतिक मैदान में एक मास्टर स्ट्रोक खेल कर अपने लिए चुनावी राजनीति में संभावनाओं का नया द्वार खोल लिया है.