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श्रद्धा व भक्ति के साथ देवउठानी एकादशी में किया गया पूजा




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले में सोमवार की संध्या देवउठानी  एकादशी का पर्व श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया तथा वैदिक मंत्रोउच्चारण के साथ पूजन कार्य सम्पन्न हुआ. इस दौरान शंख व घंटे की ध्वनि से वातावरण गुंजायमान हो गया. वहीं भगवान विष्णु को फल एवं मिष्ठान से भोग लगाया गया. साथ ही उक्त “उदितष्ठोतिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पते…त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्‌…उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव” मंत्रोच्चारण के साथ भगवान विष्णु का स्मरण किया गया. पुराणों में इस तिथि को संपन्न पूजन कार्य को अत्यधिक फलदायी माना गया है. हरि-जागरण के उपरांत ही शुभ-मांगलिक कार्य प्रारंभ होता हैं. उधर देवउठानी एकादशी को लेकर विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. पूजा के दौरान महिलाओं के द्वारा घर में अरिपन बनाईं गई तथा श्रद्धालुओं ने डाभ का पंचमुखी भगवान विष्णु का स्वरूप तैयार कर संध्या के समय दीप प्रज्वलित कर विधि विधान से पूजन कार्य कर पांच से अधिक संख्या में जमा होकर भगवान विष्णु को उठाया. 

दिसंबर से लेकर जूलाई तक शुभ लग्न मुहूर्त

खजरैठा गांव  निवासी पंडित मनोज कुंवर, संसारपुर गांव निवासी पंडित अजय कांत ठाकुर ने बताया कि विश्व विद्यालय मिथिला पंचांग के मुताबिक 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी 26 को तुलसी विवाह के बाद शहनाइयां बजेगी.

दिसंबर में  6, 7 ( दिवा लग्न) ,10, 11, 14,

फ़रवरी में 17, 21,

अप्रेल में 16, 23, 25 (दिवा लग्न), 26, 30

मई  में 2, 3, 7, 9, 12, 13, 14, 23, 26, 30, 31

जून में 4, 6, 10,11(दिवा लग्न), 20, 21( दिवा लग्न ), 24, 25 ( प्रात: काल लग्न ) 27 सायंकाल लग्न , 28

जूलाई में 1,4 ( दिवा  लग्न ), 7, 14, 15

मिली जानकारी के मुताबिक अन्य पंचांग में शादी के लिए इस बार नवंबर में 3 व दिसंबर में 7 मुहूर्त है. चार माह के लंबे अंतराल के बाद विवाह की शहनाइयां एक बार फिर तुलसी पूजा के बाद से बजने लगेंगी. लेकिन अब इस साल के अंतिम माह दिसंबर तक केवल 10 दिन ही विवाह मुहूर्त रहेंगे. 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से विवाह मुहूर्त शुरू होगा. 26 व 30 नवंबर को भी शुभ मुहूर्त है. इसके बाद दिसंबर में 1, 6, 7, 8, 9, 10 व 11 तारीख को विवाह के लिए मुहूर्त है. इसके बाद अगले साल 22 अप्रैल से लग्न शुरू होगा. क्योंकि 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास  रहेगा . बता दें कि 17 जनवरी से 15 फरवरी  के बीच देव गुरु अस्त हो जायेंगे. ऐसे में इस दौरान शहनाईयां नहीं बजेगी.

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