लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : भाद्र पक्ष मास के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को अनन्त चतुर्दशी का त्योहार रविवार को मनाया गया और अनंत भगवान की पूजा के उपरांत संकटों की रक्षा करने वाले अनंत सूत्र को श्रद्धालुओं ने बाजू मे बांधा. बिशौनी गांव में अनंत चतुर्दशी के पूजन में व्रतकर्ता कौशल कुमार मिश्र उर्फ पप्पू मिश्र प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प कर पंडित सुदर्शन शास्त्री के द्वारा वैदिक मंत्रोउच्चारण के साथ कलश स्थापित किया. जिसके पश्चात् चौदह गांठ वाला सूत्र को लेकर भगवान का स्मरण किया गया.
साथ ही भगवान विष्णु तथा अनंत सूत्र को पंचाअमृत में स्नान के साथ अंनतायनम: मंत्र का जाप कर एक पात्र में दूध, दहीं, घी ओर गंगाजल, पन्चाअमृत का निर्माण किया किया. भगवान अनंत पूजा विधि विधान तरीके से करने के उपरांत चौदह गाठ वाला सूत्र को अनन्त का स्वरूप मानकर पुरुष दाएं एवं महिलाएं बाएं बाजू में धारण किया. साथ ही पुराने अनंत सूत्र का त्याग किया गया.
अनंत के चौदह गाठ में प्रत्येक गाठ एक-एक लोक का प्रतीक है. ये 14 गांठें हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की प्रतीक हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को यदि 14 वर्षों तक किया जाए तो व्रती को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. ऐसे में लोग एक जगह एकत्रित होकर भक्ति भाव से भगवान अनंत की पूजा श्रद्धा भक्ति के साथ करते हैं.