लाइव खगड़िया : लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान प्रक्रिया रविवार की शाम संपन्न होने के बाद एग्जिट पोल की चर्चाएं चरम पर है. बात यदि खगड़िया संसदीय सीट की करें तो विभिन्न मीडिया घराने की एग्जिट पोल में विरोधाभास की स्थिति रही है. कई सर्वे रिपोर्ट यहां से एनडीए समर्थित लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर के जीत का आंकलन कर रहा है. जबकि कुछ एग्जिट पोल में इस सीट पर महागठबंधन समर्थित वीआईपी उम्मीदवार मुकेश सहनी के जीत का दावा किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि एग्जिट पोल की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को लेकर कोई नियम नहीं है. शायद यही वजह रही है कि एग्जिट पोल की प्रक्रिया पर सवाल उठते रहे हैं और पूर्व में कई मौके पर एग्जिट पोल से एकदम विपरीत चुनाव परिणाम भी सामने आये हैं. बावजूद इसके पूरी तौर पर एग्जिट पोल के आंकलन को नकारा नहीं जा सकता और साथ ही साथ आंख बंद कर एकदम से इसे स्वीकार भी नहीं किया जा सकता है.
लाइव खगड़िया-खगड़िया प्रसंग स्थानीय स्तर पर सीमित संसाधनों के साथ वोटरों के मिजाज का आंकलन सहित तमाम अन्य माध्यमों से प्राप्त डाटाओं का विश्लेषण कर जिस निष्कर्ष पर पहुंची है वो चौंकाने वाला रहा है. कई बार इन डाटाओं के कैलकुलेशन के बाद परिणाम 50-50 यानी बराबरी पर छूटता रहा है. साथ ही साथ प्राप्त डाटाओं में लगभग 10-15 प्रतिशत तक के त्रुटि या खामियों के गुंजाइश की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में दोनों ही प्रमुख गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच जीत व हार का फासला काफी कम अंतर के होने का आसार बनता हुआ प्रतित हो रहा है और जानकारों के द्वारा बताया जा रहा है कि यह 10 से 15 प्रतिशत का आंकड़ा ही एनडीए व महागठबंधन के उम्मीदवार के जीत व हार का फैसला कर जायेगा. बहरहाल यह डाटाओं के आधार पर महज एक आंकलन है और खगड़िया संसदीय सीट पर ऊंट किस करवट बैठता है, यह तो 23 मई के मतगणना के बाद ही सामने आयेगा. फिलहाल इतना तो माना ही जा सकता है कि विभिन्न एग्जिट पोल के आंकलनों ने एनडीए व महागठबंधन के प्रत्याशी सहित उनके समर्थकों को खुश व मायूस होने का अलग-अलग वजह छोड़ गया है.