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होलिका दहन कल,गेहूं के बालियों की आहूति देने की रही है परंपरा,




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) :  होलिका दहन बुधवार को है.जबकि इसके अगले दिन होली मनाई जायेगी. हलांकि कुछ जगहों पर होली के बाद होलिका दहन की परंपरागत रही है.होलिका दहन में गेहूं के बालियों की आहूति देने की परंपरा सदियों पुरानी रही है. फाल्गुन मास की शुरुआत में नये-नये अन्न की पैदावार घर में खूशियां लेकर आती हैं.ऐसे में सुख-समृद्धि की कामना के लिए होलिका दहन में गेहूं के बालियों की आहूति दी जाती है.मान्यता है कि पहली फसल का पहला दाना ईश्वर ओर पूर्वजों को भेंट करने से पूरे साल घर में पूर्वजों के आशीर्वाद से सुख , शांति और समृद्धि बनीं रहती है.

सात बालियों के आहूति की रही है परंपरा

होलिका दहन की अग्नि में गेहूं के सात बालियों की आहूति दी जाती है. सात अंकों को शुभ माना जाता है.शायद यही वजह रही है कि सप्ताह में सात दिन ओर विवाह में भी सात फेरे लिए जाते हैं.




आपसी सौहार्द व रंगों का त्योहार है होली

होली आपसी सौहार्द, प्यार-मोहब्बत भरी रंगों का त्योहार है.लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हर कोई आपकी तरह ही होली खेले. कई बार होली के उत्साह में राह चाहते व्यक्ति को जबरदस्ती रंग लगा दिया जाता.भले ही सामने वालों को ऐसा पसंद हो या नहीं. ऐसे में बात लड़ाई-झगड़ें तक पहुंच जाती है.जो होली के उमंग व उत्साह को भी ठंडा कर जाता है.ऐसे में होली खेलते वक्त सामने वाले कि पसंद का भी ख्याल अवश्य रखा जाना चाहिये.


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