
अंतरजातीय शादी करने पर बिहार सरकार दे रही इतने लाख का फिक्स्ड डिपॉजिट, जानें डिटेल
लाइव खगड़िया : समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के तहत लाभार्थी 10 दंपतियों एवं मुख्यमंत्री नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के तहत लाभार्थी 4 दंपतियों को शुक्रवार को समाहरणालय में आयोजित कार्यक्रम में अनुदान राशि से संबंधित सावधि जमा प्रमाणपत्र जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के द्वारा प्रदान किया गया. इस क्रम में प्रत्येक लाभुक जोड़े को एक-एक लाख रुपए का फिक्स्ड डिपॉजिट का लाभ मिला.
मौके पर जिलाधिकारी ने लाभुकों को योजनाओं के तहत लाभान्वित पर बधाई देते हुए कहा कि यदि उनके आसपास भी कोई पात्र आवेदक हैं, तो उन्हे इस योजना के लाभ लेने हेतु आवेदन के लिए प्रेरित करें. साथ ही उन्होंने कहा कि समाज से जाति व दहेज प्रथा व छुआछूत की भावना को समाप्त करने के लिए यह अति आवश्यक है. इस अवसर पर जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक राजीव रंजन भी मौजूद थे.
बताया जाता है कि समाज से जाति प्रथा को समाप्त करने, दहेज प्रथा को हतोत्साहित करने एवं छुआछूत की भावना को समाप्त करने के साथ अंतरजातीय विवाह करने वाली महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से सबल बनाने के उद्देश्य से बिहार सरकार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना एवं निःशक्तजन अंतरजातीय विवाह योजना संचालित कर रही है. वहीं सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा) ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का लाभ लेने हेतु आवेदनकर्ता को अपनी शादी की तिथि से 02 साल के अंदर अपना आवेदन जमा करना आवश्यक होता है. इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभुकों को आवश्यक दस्तावेज के रूप में विवाह निबंधन प्रमाणपत्र, जन्मतिथि प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र सहित विवाहित दंपति में से वर या वधु में से किसी एक को भी बिहार राज्य का निवासी होना भी अनिवार्य होता है. साथ ही आधार कार्ड, बैंकखाता, पासपोर्ट साइज फोटो (संयुक्त रूप से) देना अनिवार्य है. यदि वर बिहार का निवासी नहीं है तो वैसी परिस्थिति में आवेदन पत्र वधु की ओर से उनके गृह जिले में भरे जाएंगे. उन्होंने बताया कि पति या पत्नी के रहते पुनर्विवाह करना या विवाह -विच्छेद के बाद पुनर्विवाह करना अथवा एक जाति की उप जातियों के बीच विवाह को अंतरजातीय विवाह नहीं माना जाएगा.
जबकि नि:शक्तजन अंतरजातीय विवाह हेतु उक्त सभी दस्तावेजों के अलावा दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी आवश्यकता होती है. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग से सम्पर्क किया जा सकता है या फिर इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक दंपति अपना आवेदन सामाजिक सुरक्षा कोषांग में भी जमा कर सकते हैं.