लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. साथ ही आज 76वें स्वतंत्रता दिवस की धूम रही और जिले में भी शान से तिरंगा लहराता रहा. लेकिन जिले के परबत्ता प्रखंड के भरसों पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 2 थेभाय गांव के महादलित टोला में उस वक्त अजीब स्थिति बन आई, जब झंडोत्तोलन के दौरान खंभे में लगाया गया अतिरिक्त डंडा टूट गया. जिससे तिरंगा खंभे के मध्य आ गया. हलांकि इस स्थिति में ही तिरंगे को सलामी दी गई. लेकिन राष्ट्रीय महापर्व को लेकर की गई तैयारियों पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. बताया जाता है कि तिरंगे को ऊंचाई देने के लिए खंभे में एक डंडा जोड़ा गया था.
मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में सीडीपीओ कामिनी कुमारी के द्वारा झंडोत्तोलन के दौरान खंभे में जोड़ा गया अतिरिक्त डंडा के टूट जाने से तिरंगा का खंभे के मध्य आ जाना स्पष्ट दिख रहा है. जिसे लोग तिरंगे का अपमान मान रहे हैं और संबंधित पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है.
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार के निर्देश पर अनुसूचित टोला में पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के तहत विभिन्न पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी और प्रतिनियुक्त पदाधिकारी की मौजूदगी में टोला के किन्ही बुजुर्ग को झंडा फहराया जाना था. लेकिन परबत्ता के भरसो पंचायत के वार्ड नंबर 2 महादलित टोला में प्रतिनियुक्त सीडीपीओ खुद झंडोत्तोलन करते दिखाई दीं और इस दौरान ऐसी स्थिति बन आई जो उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है. सीडीपीओ कामिनी कुमारी के द्वारा झंडोत्तोलन किया जाना डीएम के 11 अगस्त के उस आदेश की अवहेलना भी माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर महादलित टोला में किसी बुजूर्ग व्यक्ति से झंडात्तोलन कराने संबंधित निर्देश दिया था. ग्रामीणों की मानें तो यहां झंडात्तोलन के लिए पहले से कोई तैयारी ही नहीं की गई थी. यदि इसमें सच्चाई है तो मामला प्रशासनिक निर्देश व जमीनी हकीकत के बीच के बड़े फासले को उजागर करता है.
मामले पर सीडीपीओ कामिनी ने बताया है कि भरसों पंचायत के महादलित टोला में झंडोत्तोलन की व्यवस्था विकास मित्र को सौंपा गया था और जब वे वहां पहुंची तो उन्हें कोई तैयारी ही नजर नहीं आया. ऐसे में आनन-फानन में वहां झंडोत्तोलन की तैयारी की गई और स्थानीय लोगों को झंडा फहराने को कहा गया. लेकिन किसी के तैयार नहीं होने की स्थिति में जीविका दीदी व सहायिका-सेविका सहित कुछ महिलाओं ने उनसे झंडा फहराने का अनुरोध किया. साथ ही सीडीपीओ ने कहा कि झंडोत्तोलन के समय बांस के उपर का डंडा टूट कर लटक गया. जो निश्चय ही तैयारियों में कोताही था. लेकिन इसे तिरंगे के अपमान के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. मामले से वे खुद भी घबड़ा गईं थीं.