डीएम के जनता दरबार में 77 मामलों की हुई सुनवाई
लाइव खगड़िया : डीएम के जनता दरबार में शुक्रवार को 77 मामलों की सुनवाई की गई. इस दौरान जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने समाहरणालय सभाकक्ष में आमलोगों की शिकायतों को सुना. हलांकि फरियादियों की भीड़ को देखते हुए अपर समाहर्ता एवं उप विकास आयुक्त ने भी आवेदकों की समस्याओं को सुना. वहीं जिलाधिकारी ने संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को प्राप्त शिकायतों एवं समस्याओं पर पहल करने को निर्देशित किया.
जनता दरबार में कुल 77 मामले प्रस्तुत किए गए. जिसमें अधिकतर मामले दाखिल खारिज, मापी में सुधार, बासगीत पर्चा जारी करने, पर्चा वाली जमीन पर अतिक्रमण, बासगीत पर्चा की जमीन पर अतिक्रमण, बासगीत पर्चा की जमीन पर बने घर को तोड़ने, जमीन का पर्चा निर्गत करने, निजी जमीन पर अतिक्रमण जैसे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित मामला शामिल था. साथ ही बाढ़ क्षतिपूर्ति के भुगतान, सड़क दुर्घटना में मृत्यु उपरांत अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान, मुआवजा राशि भुगतान, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका चयन, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, जीवन निर्वाह भत्ता, वेतन चालू करने, मां कात्यायनी मंदिर के ट्रस्ट, विद्यालय में योगदान स्वीकृत करने, मुखिया द्वारा गलत आरोप लगाकर गांव से बाहर भगाने, पंचायत सरकार भवन हेतु जमीन की पैमाईश, बोरना पंचायत में पंचायत सरकार भवन के निर्माण, भरण पोषण, नगर निकाय मतदाता सूची में नाम शामिल करने, कोविड सर्वेक्षण की राशि का भुगतान, शस्त्र अनुज्ञप्ति जारी करने, नल जल योजना, जन वितरण प्रणाली विक्रेता, दहेज के झूठे केस में फंसाने जैसे भी मामले थे. वहीं बिजली बिल में सुधार, पारिवारिक बंटवारा, भू अर्जन का मुआवजा जैसे मामले को लेकर भी फरियादी पहुंचे थे.
मौके पर जिलाधिकारी ने फरियादियों की बात को ध्यान से सुना और उनके आवेदन को अग्रेतर कार्रवाई के लिए संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को हस्तगत कर दिया. जिलाधिकारी ने कुछ मामलों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए संबंधित पदाधिकारियों को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया.
जनता दरबार में दो लड़कियां एक निजी संस्था द्वारा कोविड-19 सर्वेक्षण का काम लेने के बाद राशि भुगतान नहीं करने की शिकायत लेकर पहुंची थी. मामले में संबंधित व्यक्ति को बुलाकर पूछताछ की गई एवं दोनों लड़कियों को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह दी गई. वहीं एक छोटी बच्ची अपने शिक्षक पिता द्वारा पारिवारिक दायित्वों के अवहेलना करने और घर खर्च के लिए राशि नहीं देने की शिकायत लेकर आई थी. जिलाधिकारी ने बच्चे का नामांकन विद्यालय में कराने के लिए शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया.
जनता दरबार में अपर समाहर्ता मोहम्मद राशिद आलम, उप विकास आयुक्त संतोष कुमार, जिला निबंधक डॉक्टर यशपाल, डीपीओ आईसीडीएस सुनीता कुमारी, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा) राजीव कुमार, वरीय उप समाहर्ता चंदन कुमार, राज ऐश्वर्या श्री, आपदा सलाहकार प्रदीप कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.