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मुखिया पद के लिए चुनावी मैदान में देवरानी व जेठानी आमने-सामने

लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : पंचायत चुनाव को लेकर मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने परिवारिक रिश्ते को दरकिनार करते हुए एक-दूसरे के विरूद्ध आमने-सामने हैं.  रिश्तेदारों के बीच मचे इस घमासान में वैसे मतदाताओं के बीच संशय की स्थिति हैं, जिनका ताल्लुकात दोनों पक्षों से अच्छे हैं. दूसरी तरफ रिश्तेदारों के बीच हो रहे चुनावी दंगल से रोमांच और भी अधिक बढ़ गया है.
परबत्ता प्रखंड का लगार पंचायत पंचायत चुनाव को लेकर सुर्खियां में है. यहां का मुखिया व सरपंच पद महिलाओं के लिए आरक्षित है. जबकि पंचायत समिति सदस्य का अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है. यहां के कुल 15 वार्डो के हर वार्ड में चुनावी संधर्ष रोचक है. जबकि मुखिया पद के लिए निर्वतमान मुखिया आरती कुमारी समेत कुल 10 महिला चुनावी मैदान में हैं. जिसमें पूर्व मुखिया द्रोपदी देवी एवं उनकी देवरानी मीरा देवी आमने-सामने हैं. साथ ही अनिता देवी, नीतू कुमारी, फुला देवी, रतना कुमारी, रूप कुमारी, शांति देवी, सुषमा देवी चुनावी मैदान में अपनी-अपनी किस्मत आजमा लहीं हैं.

वहीं वार्ड नंबर 5 बिशौनी गांव से पंच सदस्य पद पर सिंधु मिश्र निर्विरोध रहे हैं उन्हें तीसरी बार पंच सदस्य पद की जिम्मेदारी मिलेगी. साथ ही उनकी पत्नी झुनझुन देवी सरपंच पद के लिए चुनावी मैदान में हैं. जबकि सरपंच पद के लिए निर्वतमान सरपंच विभा देवी, पूर्व सरपंच सहित कुल 5 उम्मीदवारो के बीच कांटे की टक्कर है. वहीं पंचायत समिति सदस्य के लिए निर्वतमान पंचायत समिति सदस्य नीलम कुमारी समेत चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. 

लगार पंचायत में कुल मतदाताओं की संख्या 8580 हैं. जहां के आधा दर्जन पंच सदस्य निर्विरोध रहे हैं. जबकि शेष सभी वार्डों में कांटे की टक्कर है. वार्ड नंबर 3 हरिणमार गांव में वार्ड सदस्य पद के नौ महिलाएं चुनावी दंगल में है. जबकि उसमें एक महिला विगत वर्ष मुखिया पद के लिए किस्मत अजमा चुकीं हैं. लेकिन इस बार वे वार्ड सदस्य पद के लिए चुनावी मैदान में हैं. वहीं इसी वार्ड से निर्वतमान वार्ड सदस्या किरण देवी तथा उनकी देवरानी बिमल देवी पंच सदस्य के लिए अपनी-अपनी किस्मत आजमा रहीं हैं. जबकि इसी पंचायत से जिला परिषद के लिए दो उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है. सभी वार्ड में वार्ड सदस्य के पद के लिए कडा़ मुकाबला बताया जाता है. 

उधर प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह मिलते ही चुनाव प्रचार अभियान तेज हो गया है. 29 सितंबर को यहां के उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम एवं बैलट बाक्स में बंद हो जायेगा. बात यदि क्षेत्र की मुख्य समस्या की करें तो पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है. ऐसे में पंचायत भवन विहिन लगार पंचायत को एक मसीहा की तलाश है.

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