
2016 में आई गंगा की बाढ़ का टूटा रिकार्ड, दर्जनों गांव जलमग्न
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के गोगरी एवं परबत्ता प्रखंड में गंगा की बाढ़ से दो दर्जन गांव जलमग्न हो चुके हैं तथा कई गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो चुका है. ऐसे में गांव से निकालने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा बचा है. लोगों का मानना है कि 2016 में आई बाढ़ का रिकार्ड इस वर्ष टूट चुका है और गंगा का जलस्तर उस वर्ष से उपर चला गया है.
परबत्ता प्रखंड के नयावास कोरचक्का, विकासनगर भरतखंड, सलारपुर, बिशौनी, छोटी लगार, इंग्लिश लगार, माधवपुर, विष्णुपुर मुरादपुर,जागृति टोला, डुमरिया खुर्द आदि गांव जलमग्न हो गया है. स्थिति ऐसी है कि कहीं-कहीं तो बाढ़ का पानी घर के छत को छू गया है. जिससे बाढ़ पीड़ितों की मुसीबतें और भी बढ़ सी गई है.
बाढ़ पीड़ित गोगरी -नारायणपुर बांध पर अपना आशियाना बना कर समय गुजार रहे हैं. पशु चारा के अभाव में पशु पालक की स्थिति और भी बदतर होती जा रही है और उन्हें पशुओं की चिंता भी सता रही है. बताया जाता है कि कहीं-कहीं तो मवेशी एक शाम भूखे ही रह जाते हैं. परबत्ता एवं गोगरी के दर्जनों गांवों बाढ़ से प्रभावित है.
उधर गोगरी नारायणपुर बांध में आधा दर्जन जगहों पर रिसाव होने से बांध के अंदर रहने वाले लोगों के बीच भय व्याप्त है और लोग अपने सामान को छत पर सुरक्षित करने में लगे हुए हैं. हलांकि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के साथ-साथ ग्रामीण भी रिसाव को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के बीच सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है एवं बाढ़ पीड़ितों के बीच पॉलीथिन सीट का वितरण कार्य चल रहा है. समाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश यादव ने कहा कि समुदायिक कीचन की गुणवत्ता पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में मेडिकल टीम को तैनाती की मांग की गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर अबतक के अपने उच्चतम स्तर 30.18 मीटर से पार कर गया है. गंगा का जलस्तर 36.28 मीटर दर्ज किया गया है. जबकु 2016 में गंगा का जलस्तर 36.18 मीटर पर रहा था. बहरहाल गंगा खतरे की निशान से 2.27 मीटर उपर बह रही है.