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जल-जीवन-हरियाली योजना : युवा किसान को ना घर का छोड़ा और ना ही घाट का




लाइव खगडिया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत गोविंदपुर पंचायत के कन्हैयाचक गांव के दो किसान अपने उपजाऊ जमीन व समय की यूं बर्बादी देख सरकारी सिस्टम के प्रति आक्रोश व्यक्त करने लगे है. किसान मनीष कुमार का उपजाऊ जमीन साल भर से जल जीवन हरियाली योजना के कारण उस मुकाम पर खड़ा है, जिसपर ना तो घर का और ना ही घाट का मुहाबरा सटीक बैठता है. बताया जाता है सरकारी सिस्टम के शिथिल रवैये के कारण उस जमीन पर अब तो ना ही खेती की जा सकती है और ना ही किसी अन्य काम के लिए ही उपयोग में ही लाया जा सकता है.

दरअसल मनीष कुमार एवं राजेश कुमार नामक दो युवा किसानों ने जल जीवन हरियाली योजना मिशन कार्यक्रम से प्रभावित होकर अपने खेत में तालाब खुदाई करवाने के लिये प्रखंड के रोजगार कार्यालय से संपर्क साधा था. इस दौरान उन्हें लंबी कागजी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा. जिसके बाद तालाब खुदाई का कार्य शुरू भी हो गया. लेकिन कुछ हिस्सों की खुदाई के बाद कार्य रुक गया. मामले पर मनीष कुमार बताते हैं कि पंचायत रोजगार सेवक हमराज आलम से जब संपर्क किया तो उन्होंने जल्द कार्य शुरू होने की बात बताई. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी अबतक खुदाई का कार्य पुन: नहीं शुरू हो सका है. बताया जाता है कि अब तो संबंधित कर्मी फोन भी रिसीव करना छोड़ दिया है. मनीष की मानें तो मामले को लेकर प्रखंड रोजगार पदाधिकारी से भी शिकायत की गई. लेकिन अबतक कोई सार्थक पहल सामने नहीं आया है. 


युवा किसान बताते हैं कि मजदूरों को भुगतान नहीं होने से उन्होंने काम से तौबा कर लिया है. बताया जाता है कि वर्ष 2020 के मई में ही खुदाई का कार्य प्रारंभ हुआ था और आज आलम यह है कि 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी अबतक खुदाई का कार्य आधा भी नहीं हो सका है.

इतना ही नहीं कार्य स्थल पर शिलापट्ट लगाकर उसमें कार्य से संबंधित सारी जानकारी लिखी जानी थी. लेकिन यह कार्य भी संभव नहीं हो पाया है. जिससे किसानों में आक्रोश पनपने लगा है और वे सिस्टम को कोसने लगे हैं.

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