तस्वीरों के हसीं नजारों में से आ रही व्यवस्थाओं के नकारेपन की दुर्गंध
खगड़िया : गौर से देख लें इन तस्वीरों को…तस्वीरों में तो मनमोहक नजारा है.उपर नीला आसमां व नीचे झील सा नजारा और साथ ही बारिश का खुशनुमा मौसम.वैसे तो तस्वीरों के इन हसीं नजारे को देखकर आपके मुंह से बरबस ही निकल सकता है कि कितने खुशनसीब है वे लोग जो इन नजारों में बसते हैं.भले ही इन तस्वीरों को देख आपकी कल्पना एक नई उड़ान लेने लगी हो लेकिन जब आप इन तस्वीरों की हकीकत को जानेगें तो अपना मुंह फेरने से भी शायद नहीं चुकेगें और यदि गलती से कहीं आप यहां पहुंच गये तो…अपने नाक पर रूमाल रखना भी जैसे आपकी मजबूरी बन जायेगी.जी हां…यह तस्वीर जिले के गोगरी के नगर पंचायत के वार्ड नंबर 19 के रामपुर रोड की है.जिसे व्यवस्थाओं के नकारेपन ने इस हाल में ला छोड़ा है कि लोग पनाह मांगते हुए नजर आ रहे है.जलजमाव ने ऐसे हालात पैदा कर दिये है.बताया जाता है है पानी निकासी की समुचित व्यवस्था के अभाव से ऐसी दृश्य उभर आई है.जिससे स्थानीय निवासी व इस मार्ग से यात्रा करने वाले लोगों को नित्य नरकीय स्थिति से दो-चार होना पड़ रहा है.मानसून की पहली बरसात में बारिश की चंद बूंदों ने सड़क को झील में बदल दिया है.सड़क तो सड़क लोगों के घरों तक में पानी प्रवेश कर गया था.ऐसे में संभावित भारी बारिश के बीच यहां की स्थिति का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है.ऐसा भी नहीं है कि नजारा कोई आज-कल में ही उभर कर सामने आया हो.स्थानीय लोगों की मानें तो ये स्थिति लगभग माह भर से है.अब तो सडकों पर जमा नाले की पानी से उठती दुर्गंध ने भी लोगों का जीना हराम कर दिया है.उपर से गंदे पानी की वजह से बीमारियों के फैलने की आशंकाओं ने लोगों के रातों की नींद भी चुरा ली है.
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बताया जाता है कि यह मार्ग कटघरा,भूड़िया,आश्रम,झौआ बहियार,रामपुर पंचायत के निवासियों का मुख्य मार्ग है.एक तरफ मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजनाओं में से एक के माध्यम से हर घर को पक्की नाली व गली से जोड़ने की मुहिम जारी है.दूसरी तरफ जिले के गोगरी अनुमंडल के नगर पंचायत की एक प्रमुख सड़क नाला और पानी निकासी की मुकम्मल व्यवस्था के अभाव में चार-चार आंसू बहा रहा है.हलांकि करीब माह भर पूर्व जलजमाव की समस्या के निजात के लिए एक कोशिश की गई थी.लेकिन वो नाकाफी ही साबित हुआ.दूसरी तरफ इस संदर्भ में स्थानीय सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने भी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने की बातें कही थी.बावजूद इसके समस्याएं अपनी जगह आज भी कायम है और लोग इन व्यवस्थाओं को कोसते हुए अपनी हाल पर जीने को जैसे मजबूर दिखाई दे रहे हैं.
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