चर्चाओं में हैं अदाकार रिशव शांडिल्य,रूपहले पर्दे पर दस्तक देने की तैयारी
खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र ) : कहा जाता है कि यदि हुनर,हौसला व जनून हो तो प्रतिभा एक दिन निखर कर सामने आ ही जाती है.इंसान में यदि जज्बा हो तो वो उपलब्ध विकल्पों के माध्यम से भी अपनी एक अलग पहचान बना ही लेता है.कुछ ऐसी ही एक कहानी है गोरा बदन,सुडोल शरीर, मासूम चेहरा, मखमली आवाज,सरल स्वभाव व चंचल मन के मालिक रिशव शांडिल्य का.जो सोशल माध्यम से ही सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी लघु फिल्म,कविता, गजल व शायरी से लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं.साथ ही दिन प्रति दिन यू-ट्यूब पर उनके फॉलोवर्स की संख्या भी काफी तेजी से बढती जा रही और वो काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं.
18 वर्षीय रिशव शांडिल्य जिले के परबत्ता प्रखंड के कन्हैयाचक निवासी रवि शंकर कुमार व पार्वती देवी के पुत्र है.गोगरी प्रखंड में कृषि विभाग के कॉडिनेटर पद पर कार्यरत रिशव के पिता की चाहत तो वैसे अपने बेटे को एक डॉक्टर के रूप में देखने की थी.जिसके मद्देनजर माता-पिता ने बेटे की प्रारंभिक पढ़ाई भागलपुर एवं सहरसा से पूरी होने के उपरांत उसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा भेज दिया.वहां रिशव ने तीेन साल तक तैयारी की लेकिन उन्हें मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में सफलता नहीं मिली.इस बीच अभिनय के क्षेत्र में रूचि रखने वाले रिशव ने मेडिकल की तैयारी छोड़कर नोएडा फिल्म सीटी से डिप्लोमा इन एक्टिंग करने लगे.वॉलीवुड के चर्चीत एक्टर राज कुमार राव को अपना आर्दश मानने वाले रिशव शांडिल्य का इन दिनों Witty Mafia सोशल चैनल उनकी अभिनय व अदाकारी की वजह से खासा चर्चाओं में है.उनकी चाहत नोएडा फिल्म सीटी से पढ़ाई पूरी करने के उपरांत मुम्बई में एक्टिंग का प्रशिक्षण प्राप्त करने की है.साथ ही यदि सारी परिस्थितियां अनुकुल रही तो जल्द वो रूपहले पर्दे पर नजर आ सकते हैं.
यहां देख लें रिशव शांडिल्य की एक वीडियो :-
एक उभरते हुए अदाकार रिशव शांडिल्य बहरहाल समाजिक कुरीतियों के खिलाफ एवं देश में आपसी सद्भावना व भाई-चारा फैलाने की महिम को अपनी लघु फिल्म के माध्यम से गति प्रदान कर रहे हैं.साथ ही फुर्सत के पल में उनके द्वारा पेश की जा रही रस भरी कविता,गजल एवं शेर-व-शायरी दर्शकों को खूब भा रहा है.इतना ही नहीं वो बहुमुखी प्रतिभा के काफी धनी है.खुद का स्क्रिप्ट राइंटिंग व खुद का अभिनय से लघु फिल्म का निर्माण सहित कविता,गजल व शायरी की रचना कर उसे अपना स्वर देना उनकी उच्च श्रेणी की प्रतिभा को दर्शाता है.संगीत कलाकार धीरज कांत,रूपेश कुमार सहित उनके सहपाठी रहे दिव्या, सौम्या व ग्रामीण का मानना है कि रिशव शांडिल्य बचपन से ही शांत एवं मेहनती स्वाभाव का रहा है.ऐसे में अदाकारी के क्षेत्र में भी उनकी मेहनत कभी बेकार नहीं जायेगी और निश्चय ही वो एक दिन रूपहले पर्दे पर दिखकर जिला सहित बिहार का नाम रौशन करने में सफल रहेंगे.
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