17 से सावन की शुरुआत,दिख नहीं रही कांवरिया के लिए मुकम्मल व्यवस्थाएं
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : इस वर्ष 17 जुलाई से सावन मास प्रारंभ हो रहा है और साथ ही कांवरियों के द्वारा जिले के प्रसिद्ध उत्तरवाहिनी अगुवानी गंगा तट से जल भरकर भागलपुर जिले के मड़वा स्थित भोलेनाथ मंदिर, मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर भोले बाबा स्थान, सहरसा के बाबा बटेश्वर धाम व खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड स्थित बाबा फुलेश्वर मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करने का सिलसिला आरंभ हो जायेगी. इस क्रम में सावन की सोमवारी को जलाभिषेक करने के लिए रविवार से ही अगुवानी में कांवरियों का जन सैलाव उमड़ पड़ता है. इस दौरान कांवरिया देर रात्रि तक सियादतपुर अगुवानी पंचायत के अगुवानी धर्मशाला एवं बस स्टैंड परिसर में विश्राम कर रात्रि बारह बजे के बाद जल भरकर अगुवानी-महेशखूंट मुख्य मार्ग सहित अगुवानी नारायणपुर जीएन बांध से गुजरते हैं. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण कावरियों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता रहा है. इस वर्ष भी कावंरिया की सुविधा को लेकर अभीतक कोई विशेष प्रशासनिक पहल नजर नहीं आ रहा है.
जिला सहित सहरसा, मधेपुरा व नेपाल के कावंरिया सुलतानगंज से जल भरने के लिये आज भी नाव से गंगा पार करते हैं. यह रास्ता सुलतानगंज तक पहुंचने का सस्ता एवं सुलभ रास्ता है. लेकिन वर्ष दर वर्ष प्रशासनिक उपेक्षाओं के कारण कांवरिया की परेशानियां भी बढती रही है. मामले पर सियादतपुर अगुवानी पंचायत के मुखिया पिंटू कुमार ने बताया कि धर्मशाला का मरम्मती एवं रंग रोगन का कार्य तो विधायक के फंड से किया गया है. लेकिन अन्य व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं है. वहीं वे बताते हैं कि विगत वर्ष सीओ के आदेशानुसार कांवरिया की सुविधा के लिए रोशनी एवं पेय जल की व्यवस्था की गई थी. लेकिन उस राशि का भुगतान आज तक नहीं किया गया है. साथ ही उन्होंने अनुमंडल एवं स्थानीय प्रशासन से कांवरिया की सुविधा के लिए धर्मशाला की साफ-सफाई, पेय जल की व्यवस्था, बस स्टैंड पर जल जमाव एवं कीचड़ से मुक्ति के लिए मिट्टी भराई एवं ईट सोलिंग , अगुवानी धर्मशाला से लेकर गंगा घाट तक रोशनी एवं गंगा घाट पर गौताखोर की व्यवस्था किये जाने की मांग उठाई है.
सावन माह की धार्मिक महत्ता
ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सावन माह में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव का व्रत धारण करते हैं, उन्हें शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. शादीशुदा महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने और अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए भी सावन का व्रत रखती हैं. पंडित अजय कांत ठाकुर बताते हैं कि 17 जुलाई को सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत हो रही है. इस दिन वज्र और विष कुंभ योग भी बन रहा है. इस वर्ष सावन में चार सोमवार पड़ेंगे. इसके अलावा 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन एक ही दिन मनाया जायेगा. एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है. सावन की तीसरी सोमवारी के दिन नागपंचमी का शुभ पर्व भगवान शिव के विशेष दिन सोमवार (पांच अगस्त) को है. सोमवार और नागपंचमी दोनों ही दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है.
बुधवार, 17 जुलाई श्रावण मास का पहला दिन
सोमवार, 22 जुलाई सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 29 जुलाई सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 05 अगस्त सावन सोमवार व्रत
सोमवार, 12 अगस्त सावन सोमवार व्रत
गुरुवार, 15 अगस्त श्रावण मास समाप्त
जुलाई 2019 के व्रत, पर्व-त्योहार
12 जुलाई – शुक्रवार – देवशयनी एकादशी
16 जुलाई – मंगलवार – गुरू पूर्णिमा. व्यास पूजा, गुरु पूर्णिमा, चन्द्र ग्रहण, कर्क संक्रान्ति
17 जुलाई – बुधवार – सावन प्रारम्भ
22 जुलाई – सोमवार – श्रावण सोमवार व्रत
29 जुलाई – सोमवार – श्रावण सोमवार व्रत, प्रदोष व्रत
अगस्त 2019 के व्रत, पर्व-त्योहार
1 अगस्त – गुरुवार – हरीयाली आमावस्या
5 अगस्त – सोमवार – नाग पञ्चमी, श्रावण सोमवार व्रत, कल्की जयन्ती, स्कन्द षष्ठी
7 अगस्त – बुधवार – तुलसीदास जयन्ती
12 अगस्त – सोमवार – श्रावण सोमवार व्रत,
15 अगस्त – गुरवार – श्रावण पूर्णिमा, रक्षा बन्धन, गायत्री जयन्ती, स्वतन्त्रता दिवस, उपाकर्म, संस्कृत दिवस.