राजस्वकर्मियों के अजब-गजब किस्से,अपहरण के ड्रामे के बाद मनमानी की कहानी
खगड़िया : जिले के सदर अंचल के राजस्व कर्मचारी दिनेश दास के द्वारा खुद के अपहरण के ड्रामे का जिला पुलिस प्रशासन द्वारा पर्दाफाश करने के साथ ही जिले के विभिन्न अंचल के राजस्व कर्मियों की अजब-गजब कहानी भी सामने आने लगी है.इसके पूर्व अपहृत बताये जा रहे राजस्व कर्मचारी की क्रियाकलाप पर एक नजर डाल लें.बताया जाता है कि उन्हें राजस्व वसूली के लगभग साढे चार लाख रूपये सरकारी खाते में जमा करना था.ये रकम उनके द्वारा दिसंबर माह में जमा कराये गये साढे तीन लाख रूपये के बाद शेष बची थी.ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इतनी बड़ी सरकारी राशि को एक कर्मी को रखने की इजाजत किसने दी ? जानकारों की यदि मानें तो राजस्व कर्मी को हर सप्ताह वसूली गई रकम को सरकारी खजाने में जमा कराना होता है.दूसरी तरफ अपहृत बताये जा रहे राजस्व कर्मचारी द्वारा तमिलनाडु में जिस तरह से नौकरी करने की बातें सामने आई है.उससे तो ऐसा प्रतित हो रहा है कि उनकी मंशा लंबी अवधि तक गायब रहने की थी.बहरहाल पुलिस अधीक्षक मीनू कुमारी ने मामले का खुलासा करने के दौरान स्पष्ट लहजे में कहा था कि सदर अंचल कार्यालय जांच के दायरे में है और वहां की विभिन्न सरकारी दस्तावेजों पर भी पुलिस की पैनी नजर है.वहीं उन्होंने जांच के दौरान वहां की विभिन्न संचिकाओं व जमीन संबंधित कागजातों को भी खंगालने की बातें कही थी.साथ ही उन्होंने इस प्रकरण के अनुसंधान के बाद जांच रिपोर्ट सीआईडी को देने की भी जानकारी दी थी.संभव है कि आने वाले वक्त में सदर अंचल कार्यालय के कार्यप्रणाली की वास्तविक तस्वीर सामने आ जाये.
दूसरी तरफ जिले के अलौली अंचल के राजस्वकर्मी के मनमानी की भी एक किस्सा सामने आये हैं.गौरतलब है कि जिला अपर समाहर्ता के द्वारा इसी वर्ष 1 जनवरी को सदर व गोगरी अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि उप समाहर्ता को किसान संघर्ष समन्वय समिति के शिकायतों का हवाला देते हुए कहा गया था गोगरी अनुमंडल के प्रत्येक हल्का कर्मचारियों के द्वारा मालगुजारी रसीद के रूप में 10 से 20 रूपये बीघा की जगह 200,400 एवं 500 रूपये बीघा की दर से वसूली की सूचना है.वहीं उन्होंने अपने-अपने अनुमंडलीय क्षेत्र के अंचल अधिकारियों को सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित दरों पर लगान वसूली का निर्देश दिया था.लेकिन सदर अनुमंडल के अलौली अंचल से जो तस्वीर (देंखे 6 जनवरी की रसीद का फोटो) उभर कर सामने आई है.वह वयान कर रही है ऐसे तमाम निर्देश महज कागजों पर ही सिमट कर रह गई है और राजस्व कर्मचारियों की मनमानी बदस्तूर जारी है.मिली जानकारी के अनुसार कुछ ऐसी ही कहानी जिले के कई अन्य अंचलों की भी है.