
खगड़िया में हो रही ड्रैगन फ्रूट्स (विदेशी नस्ल) की खेती
लाइव खगडिया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता प्रखंड के कबेला पंचायत अंतर्गत डुमरिया खुर्द गांव निवासी थलसेना से सेवानिवृत्त सूबेदार निलेश कुमार के द्वारा विदेशी नस्ल ड्रैगन फ्रूट्स (कमलम, पिताया) की खेती की जा रही है. बताया जाता है कि बिहार में ड्रैगन फ्रूट्स की खेती बहुत कम होती है. ड्रैगन फूड्स के पौधे में फल एक साल में तैयार होता है और बाजार में इस फल की मांग काफी है. ड्रैगन फल दक्षिणी मैक्सिको और मध्य अमेरिका में होता हैं. लेकिन अब इसकी खेती दुनिया भर होने लगा है. ड्रैगन फल का स्वाद हल्का मीठा होता है और इसे अक्सर कीवी और नाशपाती के मिश्रण के रूप में वर्णित किया जाता है. जिले में ड्रैगन फूड्स की खेती चर्चाओं में है. फसल की सुरक्षा के दृष्टिकोण से खेतों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.
लाभकारी होता है ड्रैगन फ्रूट्स
बताया जाता है कि ड्रैगन फल विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर होता है. इसके संभावित स्वास्थ्य लाभों में इम्यूनिटी बढ़ाना, पाचन क्रिया में सुधार, हृदय के स्वास्थ्य में सुधार, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है. ड्रैगन फल को ताजा खाया जा सकता है. साथ ही जूस, जैम या आइसक्रीम में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

कहते हैं ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करने वाले किसान
निलेश कुमार ने बताया कि वे जनवरी 2023 में थल सेना के सूबेदार पद से सेवानिवृत्ति हुए. जिसके बाद उन्हें खेती करने की जिज्ञासा हुई. इस बीच हीवे टेलीविजन पर कॉमेडियन कपिल शर्मा का शो देख रहे थे और शो के दौरान टेबल पर अन्य फल के साथ ड्रैगन फूड्स भी रखा हुआ था. जिसे देख उपस्थित सेलिब्रिटी पूछ रहे थे कि यह कौन सा फल है ? उसी वक्त ही उन्होंने कुछ नया करने की सोची और अपनी मिट्टी में इस फल को लगाने की ठान ली. जिसके बाद सोशल साइट यूट्यूब पर इसकी खेती संबंधित जानकारी प्राप्त कर आसनसोल से 900 पौधा मार्च 2024 में ले आये. जिसे खेत में लगाया गया. हर पोल पर चार पौधा लगाते हुए कुल 224 पोल से खेती शुरू की गई. वहीं उन्होंने बताया कि ड्रैगन फूड्स का पौधा खुद खड़ा नहीं रह सकता और उसे सहारा देने की आवश्यकता होती है. ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करने में साढे तीन लाख रुपए से अधिक खर्च अबतक वे कर चुके हैं. इस वर्ष पहली बार उनके खेत से यह फल बाजार में भेजने की तैयारी है.
एक बार लगाने से 20-25 साल मिलता है फल
किसान निलेश कुमार ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे को यदि सही समय पर ऑर्गेनिक विधि से सुरक्षा प्रदान किया जाए तो 20 से 25 साल तक फल देता रहेगा. ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे में फ्लावर वड लगने के 45 दिनों में वह फल का रूप धारण कर लेता है. जून से नवंबर माह के बीच फलों में अत्यधिक ग्रोथ होता है. बाजार में ड्रैगन फूड्स 150 से 200 रूपए किलो बिकता है. ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे को फंगस के अलावा अत्यधिक ठंड एवं गर्मी से बचाना आवश्यक है. वहीं किसान ने बताया है कि सरकार द्वारा अभी तक कोई भी अनुदान नहीं मिला है. यह खेती ऑर्गेनिक विधि से ही किया जाता है और कोई भी किसान यदि ड्रैगन फूड्स की खेती करना चाहतख है तो वे उन्हें मदद करने को तैयार हैं.