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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने सहित अन्य मांगों को लेकर CPI का प्रदर्शन

लाइव खगड़िया : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने, कोशी क्षेत्र में बाढ़ एवं सुखाड़ का स्थायी निदान, हाईडैम बनाने, वर्षों से बसे भूमिहीनों को बासगीत का पर्चा देने व‌ बेदखल पर्चाधारियों को दखल दिलाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के चौथम अंचल परिषद के द्वारा धरना दिया गया. मौके पर आयोजित सभा की अध्यक्षता पूर्व प्रमुख महेंद्र पासवान महिप एवं मंच संचालन अंचल परिषद सदस्य जोगिंदर शर्मा ने किया.

मौके पर संबोधित करते सीपीआई के जिला सचिव प्रभाकर प्रसाद सिंह ने कहा कि मोदी की सरकार में महंगाई व बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है. दूसरी तरफ पब्लिक सेक्टर को पूंजीपतियों के हाथ बेच जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में 2 साल से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण बिहार में गरीबों का पक्का मकान नहीं बन पा रहा है. केंद्र सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं की राशि में बड़े पैमाने पर कटौती कर रही है. साथ ही केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मामले को अनदेखी कर रही है. ऐसे में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार के तमाम प्रखंड अंचल कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर इस मुद्दे को उठा रही है. धरना सभा को नीलू कुमारी, जोगिंदर सिंह, सहायक अंचल मंत्री चंद्रभूषण सिंह, चंद्रदेव शर्मा, शत्रुघ्न सिंह, सतनारायण सिंह, जीवन कुमार सिंह, अशोक शाह, मीना देवी, शिवनंदन सिंह आदि ने भी संबोधित किया. जिसके उपरांत एक प्रतिनिधि मंडल चौथम के प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर उन्हें मांग पत्र सौंपा.

उधर अलौली प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में भी सीपीआई के द्वारा जन प्रदर्शन किया गया. इसके पूर्व अलौली हाई स्कूल प्रांगण से जुलूस निकाला गया. इस दौरान केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों एवं अंचल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. जिसके उपरांत सीपीआई का एक प्रतिनिधिमंडल प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा.

कार्यक्रम की अध्यक्षता सीपीआई के अंचल मंत्री मनोज सदा ने किया. मौके पर सभा को संबोधित करते हुए सीपीआई के सहायक जिला मंत्री पुनीत मुखिया ने कहा कि वर्ष 2000 में बिहार के बंटबारे के बाद बिहार के भूभाग का एक तिहाई भाग झारखंड में चला गया और आबादी का दो तिहाई भाग बिहार में रह गया. तमाम खनिज सम्पदा एवं कल कारखाने बंटबारे के बाद झांरखण्ड में चला गया और बिहार औधोगिक दृष्टि से देश का अत्यंत पिछड़ा राज्य बन गया. साथ ही बिहार प्रतिवर्ष बाढ़ एवं सुखाड़ की विभीषिका झेलते हुए लैंड लॉक्ड राज्य बनकर रह गया. हाल ही में सम्पन्न जातीय गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े बिहार की पिछड़ेपन की तस्वीर पेश करती है. बिहार के कुल आबादी का 34.13 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. 94 लाख परिवार की मासिक आमदनी 200 रुपए है. 63 हजार से अधिक परिवार आवासहीन एवं भूमिहीन हैं और 39 लाख परिवार अभी भी झोपड़ियों में गुजर बसर कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति एवं केंद्र सरकार से बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखी.

इस अवसर पर सीपीआई के जिला परिषद सदस्य चंद्रकिशोर यादव व छोटेलाल सिंह, बचो सदा, राजेन्द्र भगत, माला देवी, रोहित सदा, राधेश्याम आदि ने भी संबोधित किया. मौके पर भागवत सिंह, सकुना देवी, झुना देवी, सकुना देवी, दिलीप यादव, मो जहीर, रविंद राम, राजेन्द्र शर्मा, राम प्रकाश ठाकुर आदि उपस्थित थे.

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