Breaking News

बच्चे का था एग्जाम व पति को काम, छठ करने हांगकांग से खगड़िया के लिए अकेली चली शिवानी

लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : 18 सालों से हांगकांग में रहने वाली जिले‌ की एक बहू छठ पूजा में 17 नवंबर को घर पहुंचने वाली है. छठ मैया के प्रति उनकी आस्था और परिवार के सदस्यों के प्रति उनका प्रेम ही‌ है, जो कि हांगकांग से खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत सियादतपुर अगुआनी पंचायत के अगुआनी गांव तक का सफर शिवानी सिंह अकेले ही तय कर रहीं हैं. बताया जाता है कि अगुआनी गांव निवासी शिवानी के पति प्रवीण कुमार सिंह हांगकांग में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और काम की व्यस्तता व बच्चे के एग्जाम की वजह उनके पति एवं बच्चे घर 19 को पहुंचेंगे. लेकिन शिवानी को छठ व्रत करना था और उसने अकेले ही आने का फैसला लिया.

बताया जाता है कि विगत वर्ष एनआरआई इंजीनियर की मां ने अपने बेटे से महज इतना कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से वह अब छठ पूजा नहीं कर पाएगी और इस बार छठ पूजा को वे बैठा लेंगी. बस इतना सुनने के बाद आगे छठ पूजा करने की जिम्मेवारी बहू ने उठा ली और इस वर्ष भी वे पूजा को लेकर हांगकांग से खगड़िया पहुंचने वाली है. शिवानी सिंह अपनी सासू मां के बदले स्वयं छठ करेंगी. विगत वर्ष उनकी सासू मां अंतिम बार छठ करके बहू को जिम्मेदारी सौंप दी थी‌ और शिवानी इस परंपरा का निर्वहन करने का संकल्प ले चुकी है.

मिली जानकारी के अनुसार शिवानी हांगकांग से इंडिया के लिए प्लेन से चल चुकी हैं और वे दिल्ली पहुंचने के बाद प्लेन से ही पटना आएंगी. जहां से कार से वे अपनी ससुराल अगुआनी गांव पहुंचेगी.

बताया जाता है कि शिवानी अपने पति के साथ पिछले 18 सालों से हांगकांग में रह रहीं है और‌ अबतक उन्हें मात्र 2 से 3 बार ही छठ पर्व के अवसर पर ससुराल आने का मौका लगा था. लेकिन विगत वर्ष से ही पूजा की जिम्मेदारी मिलने के बाद शिवानी बताती हैं कि वे अब हर वर्ष छठ करने ससुराल आतीं रहेगी. बताया जाता है कि 67 वर्षीय उनकी सासू मां रूपा सिंह 32 साल पहले अपने सास योगमाया देवी से छठ करने का संकल्प लिया था और विगत वर्ष तक वो अपनी जिम्मेदारी को निभाते रहीं. लेकिन अब उन्होंने यह जिम्मेदारी अपनी बहू को दे दी है. उनका परिवार एक संयुक्त परिवार है. वर्षों तक विदेश में रहने वाली शिवानी अपने गांव की सभ्यता एवं घर की बड़ी बहू होने का फ़र्ज़ नहीं भूली और ना ही छठ पर्व के प्रति उनकी आस्था ही कम हुई.

Check Also

माउंट लिटरा ज़ी स्कूल : औरों से अलग विशेषता देने की कोशिश

माउंट लिटरा ज़ी स्कूल : औरों से अलग विशेषता देने की कोशिश

error: Content is protected !!