Breaking News

आस्था व विश्वास का केन्द्र बना सन्हौली दुर्गा मंदिर, पूरी होती यहां मांगी गई हर मुरादें !

लाइव खगड़िया : जिले के सदर प्रखंड के सन्हौली स्थित प्रसिद्ध मां दुर्गा का मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था व विश्वास का केन्द्र बन गया है. बताया जाता है कि यहां मां के कई रूपों की झलक दिखती है. साथ ही सिद्धपीठ के रूप में चर्चित इस मंदिर की पौराणिक प्रतिमा में सरस्वती के रूप में आकृति प्रकट होने की घटना को विस्मयकारी माना जाता है. शायद यही कारण रहा है कि दिन प्रतिदिन इस मंदिर की महिमा में निरंतर वृद्धि होती रही है. वैसे तो यहां हर दिन श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन शारदीय नवरात्र में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और भारी भीड़ जुट जाती हैं. बताया जाता है कि मां की महिमा अपरंपार है और ऐसी मान्यता है कि यहां मांगी हुई हर मुरादें पूरी होती है. कहा तो यहां तक जाता है कि यहां से कोई श्रद्धालु खाली हाथ वापस नहीं लौटता है. यहां दुर्गा के रौद्र रूप की पूजा की जाती है.

25 वर्ष पुरानी है मंदिर की मूर्ति

बताया जाता है कि सन्हौली दुर्गा मंदिर में स्थापित मां की प्रतिमा बरौनी-कटिहार रेल खंड के निर्माणकाल में कोशी व बूढी गंडक से मिलती धारा को पाटने के क्रम में मिली थी. कहा जाता है कि यह मूर्ति लगभग 125 वर्ष पुरानी है. बताया जाता है कि उन दिनों जमींदार महेन्द्र नारायण सिंह व हरि प्रसाद सिंह के कुल पुरोहित पंडित गोपीनाथ ठाकुर हुआ करते थे. पंडित ठाकुर ने ही यजमान महेन्द्र नारायण सिंह के सहयोग से जिला मुख्यालय को जोड़ती हाजीपुर मौजा एवं सन्हौली मौजा की सीमा पर भगवती की प्रतिमा को प्राण-प्रतिष्ठा के साथ स्थापित किया था. शुरूआत के ईट-खपरैल के गहबर को कालांतर में सुर्खी-चूना से जोड़ कर मंदिर का निर्माण किया गया था. झहां आज भव्य मंदिर है.

मंदिर समिति केे सदस्यों के अनुसार यहां मां के कई रूपों की झलक दिखती है. सिद्धपीठ के रूप में चर्चित इस मंदिर की पौराणिक प्रतिमा में सरस्वती के रूप में आकृति प्रकट होने की घटना को विस्मयकारी बताया जाता है. साथ ही देवी की पुरानी प्रतिमा में सरस्वती रूप का उभरना एक धार्मिक शोध का विषय भी है. सन्हौली दुर्गा मंदिर में नवरात्र के दौरान प्रतिदिन संध्या आरती के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. जबकि अष्टमी के दिन माता का पट खुलते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है.

Check Also

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भाई-बहन के प्रेम का पर्व ‘भैया दूज’

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भाई-बहन के प्रेम का पर्व 'भैया दूज'

error: Content is protected !!