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गरीबी का दंश झेलते हुए सन्नी ने घर से ही तैयारी कर क्रेक कर दिया जेईई – एडवांस्ड

लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों” इस कहावत को एक किसान का बेटा ने चरित्रार्थ कर दिया है. छोटे से गांव के एक किसान का बेटा अब आईआईटीयन बनने जा रहा है. उसने जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैंक 5245वां हासिल की है. उनकी इस सफलता से परिवार में खुशियां और परिजनों के हर सदस्य के चेहरे पर मुस्कान है. जिले के परबत्ता प्रखंड के गांव कन्हैयाचक का सन्नी कुमार के आईआईटीयन बनने की राह पर अग्रसर होने से गांव में भी हर्ष का माहौल है.

परबत्ता नगर पंचायत के कन्हैयाचक गांव निवासी शंभू चौधरी के पुत्र सन्नी कुमार कृष्णकांत ने परिवार की कठिन परिस्थितियों के बीच देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक जेईई-एडवांस्ड क्रेक की है. बड़ी बात यह है कि इस सफलता को उन्होंने गांव से ही पढ़ाई कर हासिल की है. आईआईटी जेईई एडवांस्ड की परीक्षा में उन्हें 5245वां रैंक मिला है. सन्नी कुमार के पिता खेती किसान हैं और वे पशुपालकों के यहां जाकर पशुओं से दूध निकालने का कार्य करते थे और इस कार्य के लिए पशुपालकों से मिलने वाली राशि से उनका घर परिवार चलता था. जबकि उनकी माता गृहणी हैं. देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी में लाखों खर्च करने वाले अभ्यार्थियों के बीच सन्नी ने गरीबी का दंश झेलते हुए बाजी मारी है.

सन्नी ने 2021 में कन्हैयाचक के संत कोलंबस स्कूल से 10वीं एवं 2023 में बेगूसराय के एमडीकेजे से इंटर किया था. उनके घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे बड़े शहरों में जाकर किसी बड़े संस्थान से आईआईटी की परीक्षा की तैयारी कर सके. लेकिन तमाम विकट परिस्थितियों की बीच सन्नी के हौसले कम नहीं हुए थे और उन्हें खुद की मेहनत व लगन पर विश्वास था. इस बीच उन्होंने घर से ही मोबाइल पर ऑनलाइन क्लास कर आईआईटी की तैयारी शुरू कर दी और आखिरकार सन्नी का सार्थक प्रयास रंग ला गया. हलांकि सन्नी की पढ़ाई के लिए कुछ लोग मदद करने की भी इच्छा जाहिर की थी. लेकिन उन्होंने अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया और घर पर रह कर ही तैयारी करते रहे. बहरहाल सन्नी की सफलता उन तमाम छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो कि विकट परिस्थितियों के बीच अपने कैरियर को लेकर कुछ बड़ा करने की चाहत रखते हैं.

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