शिलान्यास प्रकरण : अपने बढ़ते राजनीतिक कद का एहसास करा गए हैं विधायक
लाइव खगड़िया : जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के देवठा-पैंकात सड़क निर्माण के शिलान्यास का मामला भले ही विवादों में रहा हो, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि मामले में परबत्ता के जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने कई को अपने बढ़ते राजनीतिक कद का एहसास करा दिया है. वैसे भी राजनीतिक तौर पर शह व मात का खेल चलता ही रहता है और चर्चित ताजा मामले में परबत्ता विधायक अपने राजनीतिक विरोधियों से आगे निकल गए हैं व विभाग भी बैक फुट पर नजर आ रहा है.
सड़क निर्माण के शिलान्यास पर यूं बढ़ा था विवाद
पीएम सड़क निर्माण योजना की सड़क का विधायक के द्वारा शिलान्यास किये जाने पर सांसद के शिकायत के बाद डीएम के द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता से पूछे गये स्पष्टीकरण से मामला गर्म हो गया था. रही सही कसर 30 सितंबर को हुए शिलान्यास की कोई जानकारी विभाग को नहीं होने का जवाब देकर कार्यपालक अभियंता ने पूरी कर दी थी. जिसके बाद सांसद के समर्थक आक्रामक मोड में आ गये और शिलान्यास को अवैध बताया जाना लगा. इस बीच स्थानीय विधायक के द्वारा किये गए शिलान्यास के शिलापट को भी रहस्यमयी ढंग से किसी ने क्षतिग्रस्त कर दिया. जिसके बाद जिले की राजनीति गर्म हो गई और सांसद व विधायक के समर्थक आमने-सामने आ गये. पूरे प्रकरण में सोशल मीडिया जंग का मैदान बना और वहीं आरोप – प्रत्यारोप के दौरान सारी हदें पार कर दी गई. मामले को लेकर डीएम व गोगरी कार्य प्रमंडल के ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता का पत्र सोशल साइट पर खूब वायरल होता रहा.
मामले को तूल देकर बैक फुट पर लौटी प्रशासन
इधर 2 अक्टूबर को मामले में नया मोड़ सामने आया और क्षतिग्रस्त शिलान्यास के शिलापट की जगह नया शिलापट लगा दिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिला प्रशासन के निर्देश पर ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा शिलापट लगाया गया है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि नये शिलापट की प्रशासन की ओर से निगरानी भी की जा रही है. गौर करने वाली बात है कि नये शिलापट में भी सड़क निर्माण के शिलान्यास की तारीख 30 सितंबर ही दर्शाया गया है. यदि इस शिलापट को विभाग के द्वारा लगाया गया है तो इसे विधायक के शिलान्यास को विभाग द्वारा स्वीकृति मिल जाने के तौर पर भी देखा ही जा सकता है. हलांकि शिलापट पर शिलान्यास कर्ता के तौर पर सांसद का नाम अंकित है. लेकिन वहीं विधायक के नाम को जिस तरह से बोल्ड कर दर्शाया गया है, वह अप्रत्यक्ष रूप से उनके बढ़ते राजनीतिक हैसियत व कद को बयां करता हुआ प्रतित हो रहा है.