लाइव खगड़िया : “करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान। रसरी आवत जात तें, सिल पर परत निसान।।” क्या यह पंक्ति वर्षों से अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे शहर के एक चर्चित राजनीतिज्ञ के लिए सच साबित होगी ! नगर की सियासत के गलियारे में इस बात की चर्चाएं तेज है कि क्या इस बार नगर परिषद सभापति के चुनाव में भाजपा नेता संजय खंडेलिया अपनी निशान छोड़ पायेंगे !
दरअसल नगर की राजनीति में अब किंग मेकर की भूमिका में आ चुके पूर्व नगर सभापति मनोहर यादव की राजनीतिक अदावत भाजपा नेता संजय खंडेलिया के साथ वर्षों से रही है और राजनीतिक तूफान नगर परिषद चुनाव के वक्त चरम पर होता रहा है. वजह साफ है कि नगर सभापति की कुर्सी तक अपनों को पहुंचा कर संजय खंडेलिया की हसरत भी किंग मेकर बनने की वर्षों से रही है. लेकिन विगत चुनाव में वे पार्षदों की संख्या बल जुटाने में असफल रहे थे और मनोहर यादव अपनी पत्नी सीता कुमारी के लिए सभापति की कुर्सी ले उड़े थे. लेकिन इस बार नगर सभापति का चुनाव नव निर्वाचित वार्ड पार्षदों को नहीं, बल्कि मतदाताओं को सीधे वोटिंग से करना है. ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होने के आसार है.
वैसे नगर सभापति के चुनाव को लेकर भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता संजय खंडेलिया वर्षों से तैयारी में जुटे रहे हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि वर्षों पूर्व जदयू का दामन छोड़ भाजपा में शामिल होने के उनके राजनीतिक निर्णय में भी कहीं ना कहीं नगर सभापति चुनाव भी एक मुद्दा रहा है. बात कुछ माह पूर्व की है जब जदयू नेता संदीप केडिया ने भी नगर सभापति के चुनाव में मैदान उतरने का ऐलान कर दिया था और उस वक्त नगर की राजनीति में इससे नफा-नुकसान की चर्चाएं तेज होने लगी थी. लेकिन राजनीति के चतुर खिलाड़ी संजय खंडेलिया ने मामले में कुछ ऐसी पहल की उन्हें चुनावी मैदान से बाहर रहने का ऐलान करना पड़ा. बहरहाल भाजपा नेता संजय खंडेलिया नगर सभापति पद के चुनाव में अपनी पत्नी मीना गुप्ता खंडेलिया के उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं और साथ ही चुनाव को लेकर उनकी तैयारी जारी है. इस बीच नगर की स्थिति को लेकर वे आक्रामक रहे हैं. ऐसे में देखना दीगर होगा कि इस बार ऊंट किस करवट बैठता है.