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आह !! यह व्यवस्था, कोई हमें स्कूल से ना भगाये

लाइव खगड़िया : बीते दिनों जिले के सदर प्रखंड स्थित एक स्कूल का जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के द्वारा किया गया कथित औचक निरीक्षण सुर्खियों में रहा था. डीएम द्वारा शहर के मध्य विद्यालय, हाजीपुर उत्तरी का यह निरीक्षण इसलिए भी चर्चाओं में रहा था क्योंकि इस दौरान डीएम वर्ग कक्ष में बच्चों के साथ बैंच पर बैठे थे, उनके साथ खाना खाया था और अपनी थाली खुद साफ किया था. जिसके बाद खबर की सुर्खिया बनी थी…’वाह डीएम हो तो ऐसा’. हलांकि प्रशासनिक स्तर से औचक कहा जाने वाला यह निरीक्षण गोपनीय नहीं रहा था और कैमरा..एक्शन के साथ सोशल साइट पर इसका लाइव आसपास के स्कूल प्रशासन को अलर्ट मोड में रहने का संकेत दे गया था.

भले ही जिला प्रशासन के द्वारा किसी खास विद्यालय का खास ढंग से किए गए निरीक्षण में सरकारी स्कूल की व्यवस्थाएं व्यवस्थित व शैक्षणिक कार्य अप टू मार्क सामने आया हो. लेकिन इस खबर के बाद जिले के अन्य सरकारी विद्यालयों की कुव्यवस्थाएं भी सामने आने लगी है. स्थिति तो यहां तक बताया जा रहा है कि कई सरकारी विद्यालय खुलते ही नहीं हैं और वह तबेला में तब्दील हो चुका है. वहां से पशुओं की आवाजें आता हुआ प्रतित होता है कि “आह !! यह व्यवस्था … कोई हमें स्कूल से ना भगाये”.

एक सरकारी विद्यालय ऐसा भी

दरअसल सोशल साइट पर जिले के अलौली प्रखंड के एक सरकारी स्कूल का वीडियो वायरल हुआ है. जिस स्कूल की दीवारें बेहतर संसाधन का दावा करने वालों को आइना दिखा रहा है और स्कूल के कमरे में पशुओं का बसेरा शैक्षणिक व्यवस्थाओं का पोल खोल रहा है. मामले को लेकर अलौली के जिला परिषद सदस्य सह छात्र नेता रजनीकांत के तेबर तल्ख हैं और उन्होंने तो हाल के एक स्कूल के प्रशासनिक औचक निरीक्षण को ही दिखावा करार दिया है.

रजनीकांत, जिला परिषद सदस्य

बताया तो यहां तक जा रहा है कि अलौली का मध्य विद्यालय कलवारा खुलता ही नहीं है और उस स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों को पठन-पाठन से कोई लेना-देना ही नहीं है. स्थिति यह है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की भी विद्यालय के शिक्षक नहीं सुनते हैं और बार-बार बीईओ के निर्देश की अवहेलना होती रही है. ऐसे में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस स्कूल में पदस्थापित सभी शिक्षकों का वेतन स्थगित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की है. मामले में आगे की कार्रवाई देखना दीगर होगा. लेकिन इस बीच सवाल उठना लाजिमी है कि क्या जिले के सरकारी कर्मियों के बीच प्रशासनिक व विभागीय अफसरों के कार्रवाई का खौफ तक नहीं रहा और क्या ऐसा स्कूल जिले में यह एकलौता है !!

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