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मनोकामना पूर्ण होने पर खौलते खीर को हाथ से निकालने की परंपरा है यहां

लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के बुच्चा पंचायत के धनछड़ गांव में बिंद जाति के लोग मनोकामनाएं पूर्ण होने पर चूल्हे पर खौलता हुआ खीर को हाथ से निकालने की परंपरा आज भी निभा रहे हैं. बताया जाता है कि यहां हर वर्ष इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है. इस क्रम में मंगलवार को धनछड गांव में आयोजित कार्यक्रम में परंपरा को निभाई गई. वहीं पूजा – पाठ व गीत – नाद के साथ खीर पकाया गया. जिसके बाद मौजूद भगत ने खौलते हुए खीर को अपने हाथ से निकाला और उपस्थित लोगों के बीच वितरण किया.

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मौके पर बडी संख्या में महिला व पुरुष उपस्थित थे. मामले पर बुच्चा पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि कार्यक्रम में बिंद जाति के लोग खास तौर पर हिस्सा लेते है. साथ ही अन्य भी अपना योगदान देते हैं. बताया जा रहा है कि बिंद जाति के बंसज के भगत के द्वारा खोलता खीर निकाला जाता था और अब नई पीढ़ी भी यह परंपरा निभा रहे हैं. मान्यता है कि काशी बाबा कुछ समय पहले बाघ को मारा था और काशी बाबा के विलुप्त हो जाने की बातें सामने आई थी. जिसको लेकर हर वर्ष यह परंपरा मनाई जाती है. कहा जाता है कि बिंद जाति के लोग काशी बाबा गोत्र से आते है तथा वे काशी बाबा को अपना कुल देवता मानते हैं. ऐसे में हर वर्ष मनोकामनाएं पूर्ण होने पर इस परंपरा को निभाई जा रही है.

कृषि समन्वयक रविशंकर कुमार चौधरी क्षेत्र भ्रमण के दौरान इस तरह की आस्था व साधना को देखकर अचंभित हो गए. उन्होंने कहा है कि भारतीय संस्कृति विविधता से भरा है और यह यहां के जीवन शैली को रोचक बनाती हैं. मौके पर भगत भूपल सिंह, दुखन सिंह, लक्ष्मी सिंह, ग्रामीण पाण्डव कुमार, ललन कुमार, अनिल सिंह, शंभू सिंह, प्रेम देवी, मुसो देवी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.

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