लाइव खगड़िया : जिले के गोगरी प्रखंड के मध्य विद्यालय कोयला में मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है और मामले की जांच के बाद संबंधित प्रधानाध्यापिका पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई है.दरअसल जिलाधिकारी को मध्य विद्यालय, कोयला में विद्यालय संचालन अवधि के दौरान मध्याह्न भोजन योजना का चावल बेचे जाने की शिकायत मिली थी. जिसके बाद जिलाधिकारी ने मध्याह्न भोजन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार को मामले की जांच का निर्देश दिया था. जिलाधिकारी से प्राप्त निर्देश के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्याह्न भोजन ने मध्य विद्यालय कोयला जाकर मामले की विस्तृत जांच की. इस क्रम में उन्होंने स्थानीय ग्रामीण, शिकायतकर्ता, चावल ले जाने वाले व्यक्ति एवं विद्यालय प्रधान से इस संबंध में पूछताछ किया.
मिली जानकारी के अनुसार मध्य विद्यालय कोयला को मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत अक्टूबर, नवंबर एवं दिसंबर माह में कुल 49 बोरा चावल दिया गया था. जो कि 24.50 क्विंटल (2450 किलोग्राम) था. जांच के दौरान वितरण पंजी के अवलोकन से स्पष्ट हुआ है कि कक्षा 1 से 5 में अध्ययनरत 184 छात्रों को 6.90 किलोग्राम के हिसाब से 1085.6 किलोग्राम एवं कक्षा 6 से 7 में अध्ययनरत 126 बच्चों को 8.8 किलोग्राम के हिसाब से 1108.8 किलोग्राम चावल अर्थात कुल 2194.4 किलोग्राम चावल का वितरण किया गया है. इस प्रकार विद्यालय को उपलब्ध कराए गए चावल 2450 किलोग्राम में से छात्रों के बीच वितरण के पश्चात 255.6 किलोग्राम चावल शेष बचता था और भंडार में लगभग साढ़े 4 बोरा चावल बचा हुआ पाया गया, जो कि वितरण के पश्चात बचे हुए चावल से मेल खाता हुआ प्रतित हुआ.
लेकिन जांच के दौरान पूछताछ के क्रम में ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से बताया गया कि शनिवार को प्रधानाध्यापिका द्वारा धरणीधर कुमार को लगभग 61 किलोग्राम चावल दिया गया. इस संबंध में प्रधानाध्यापिका के द्वारा बताया गया कि धरणीधर कुमार के 4 बच्चे हैं, जिन्हें 29.4 किलोग्राम देय होता है, जो उक्त व्यक्ति को दिया गया. लेकिन चावल ले जाने वाले व्यक्ति धरणीधर कुमार ने बताया कि उसे 56 किलोग्राम चावल दिया गया है. ऐसे में प्रधानाध्यापिका एवं चावल ले जाने वाले व्यक्ति के बयान में विरोधाभास मिला. जिसे मध्याह्न भोजन योजना के चावल वितरण में अनियमितता माना गया.
जांचोपरांत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एमडीएम) शैलेंद्र कुमार ने तत्काल प्रभाव से विद्यालय के प्रधानाध्यापिका प्रेमलता देवी का वेतन बंद करने की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण मोहन ठाकुर से की है. साथ ही उन्होंने प्रधानाध्यापिका पर कार्यवाही हेतु अनुशंसा भी की गई है.