
शांत हुई स्वर सरस्वती, लता के निधन की खबर से शोक में डूबा खगड़िया
लाइव खगडिया (मुकेश कुमार मिश्र) : भारत की स्वर कोकिला के नाम से मशूहर जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर का रविवार को 92 साल की उम्र निधन हो गया. सुरों की दुनिया में दशकों तक राज करने वाली लता दीदी के निधन की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ पड़ी है. राजनेताओं, अभिनेताओं से लेकर आम आदमी सबने उनके निधन की खबर पर गहरा शोक जताया है. साहित्यिक संगीतज्ञ डुमरिया बुजुर्ग निवासी डॉ अजय राय ने कहा कि स्वर -सम्राज्ञी महान गायिका लता मंगेशकर का निधन दुनिया के सभी कलाकारों- श्रोताओं के लिए अत्यंत दुःखद है. उनकी पवित्र आत्मा को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दें. यही प्रार्थना है.
कवि शायर अगुआनी निवासी विकास सोलंकी ने कहा कि सुबह अचानक खबर आई स्वर की देवी लता जी अनंत में विलीन हो गई.
एक गीत था जो आज गूँगा हो गया,
एक लौ थी जो अनंत में विलीन हो गई !
शालीनत की प्रतिमूर्ति, सभ्यता संस्कृति की उन्नायिका, प्रेम औ प्रयाण की गायिका साक्षात स्वर की देवी हम लोगों के बीच से सदा सदा के लिए अनंत की ओर प्रस्थान कर गई. आज का दिन पूरी मानव जाति के लिए दुख से भारी है. मैं उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं. जिला परिषद के पूर्व सदस्य खजरैठा निवासी पंकज कुमार राय ने कहा कि इस धरती पर जागृत सरस्वती देवलोक को प्रस्थान कर गईं. प्रथम श्रुति की गर्भनाल जैसे आज टूट गई है और संगीत आज मौन हो गया है. नयागांव निवासी वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कामाख्या चरण मिश्र ने कहा कि अपनी अद्वितीय स्वर माधुरी से धरती और आकाश को मिलाने वाली संपूर्ण विश्व की लोकप्रिय विभूति व गायिका भारत रत्न लता जी के निधन से आहत हूं. अंग क्षेत्र के लोकप्रिय संगीत कलाकार माधवानंद ठाकुर ने कहा कि स्वर कोकिला लता दीदी का निधन सुनकर दुनिया के कलाकार आहत हैं. उनकी जादूई आवाज सभी के दिलो में जीवित रहेगी. यह कहते ही उनकी आंखें नम हो गई. आजाद राजीव ने कहा कि आवाजें कभी नहीं मरती ,जब तक कायनात है आप अमर हैं…सुर कोकिला दीदी.
भारती विद्यापीठ, पुणे में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत भरसो निवासी नृपेश कुमार नृप ने कहा कि देश की बेटी, स्वर कोकिला लता जी, लता दी, लता मंगेशकर अनंत भावों को अपने सुरों से साधने वाली लता मंगेशकर की याद इस चमन में हर दिन महका करेंगी. ज़माना हमेशा दिल से याद करेगा. प्रणव कृष्णन मथुरापुर निवासी ने कहा कि “नाम गुम जाएगा चेहरा ये बदल जाएगा मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे”. सुरसम्राज्ञी भारतरत्न लता मंगेशकर, जिन्हें भारतवर्ष बेहद अपनेपन से लता दीदी कह कर बुलाता था आज अपना पार्थिव शरीर त्याग कर परमात्मा के पास श्रेष्ठ स्थान पर सुशोभित होने को प्रस्थान कर गईं. साथ ही उन्होंने कहा है कि आपके मधुर गीतों को सुनता गुनगुनाता बड़ा हुआ और आपके गीत भारत के लोगों की जिन्दगी का एक खास हिस्सा हैं.