लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : अपने बिंदास अंदाज को लेकर चर्चाओं में रहने वाले परबत्ता के जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार एक बार फिर सुर्खियां बटोर गए हैं. उनका कुछ ऐसा ही अंदाज सदन के अंदर भी दिखा है. जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान ना सिर्फ स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को बताया बल्कि उन्होंने अपनी ही सरकार को आईना भी दिखा दी. वहीं चर्चा के दौरान विपक्ष के गलियारे से उठती विरोध की आवाजों को उन्होंने “भय सुनिये न…चांय-चांय करते हैं” जैसे शब्दों से दबा दिया.
दरअसल सदन में जदयू विधायक ने कोरोना काल की चर्चा करते हुए स्वीकार किया कि एनेस्थेटिस्ट व टेक्नीशियन की कमी के कारण कोराना की दूसरी लहर के बीच अस्पतालों में वेंटिलेटर बेकार पड़ा रह गया और जरूरतमंद मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल सका. साथ ही उन्होंने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर हर जिले में एनेस्थेटिस्ट व टेक्नीशिन की बहाली करने की मांग रख दी.
विधायक ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी व कालाबाजारी की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने भी उस वक्त अपने एक परिजन के लिए 25 हजार में एक ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा था. हलांकि उन्होंने यह भी बताया कि मामले के बाद कालाबाजारी करने वाले पर कार्रवाई भी हुई. जिसके लिए उन्होंने सरकार के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया. विधायक ने खगड़िया में जमीन उपलब्ध रहने की बात कहते हुए यहां जल्द ही मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग रखी. साथ ही गोगरी जमालपुर में बन रहे अनुमंडल अस्पताल के लिए मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया.
विधायक पटना के एनएमसीएच के मेडिकल विभाग में बारिश की पानी जमा होने के मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर चुटकी लेने से भी नहीं चुके. उन्होंने कहा कि पिछली बार भी उन्होंने सदन में मामले को उठाया था. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने एक मुलाकात के दौरान बताया था कि पेन डाउन किया गया है. मामले पर पहल होता नहीं देख कर विधायक ने सदन में ही कह दी कि “प्रधान सचिव महोदय, आपका पेन डाउन…डाउन ही रह गया, जरा इसे बढ़ना भी चाहिये.”
अपने बिंदास अंदाज के लिए जाने जाते रहे हैं डॉ संजीव
जिले के परबत्ता विधान सभा क्षेत्र से जीत का परचम लहरा कर सदन की गलियारे तक पहुंचने वाले डॉ संजीव का बिंदास अंदाज कोई नया नहीं है. बात उस वक्त की है जब बीते विधानसभा चुनाव के तारीखोंं का ऐलान भी नहीं हुआ था और गठबंधन की राजनीति के दौर में विभिन्न दलों के चुनावी गठबंधन के स्वरूपों पर भी कई तरह के आशंकाओं के बादल मंडरा रहे थे. लेकिन इन सभी बातों से दूर डॉ संजीव ने चुनाव के महीनों पूर्व खुद को परबत्ता से जदयू का उम्मीदवार घोषित कर दिया था और यह बातें उन्होंने पार्टी के कई वरीय नेताओं की मौजूदगी में खुले मंच से भी कह डाली थी. यहां यह देखना भी दीगर है कि चुनाव के वक्त संभावित प्रत्याशी भी इतनी यकीन के साथ उस वक्त तक खुद को प्रत्याशी नहीं कहते, जब तक की उन्हें पार्टी का सिबंल नहीं मिल जाता. हलांकि उन्हें ही जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया था और पार्टी की झोली में डॉ संजीव ने यह सीट डाल दी थी. बहरहाल एक बार फिर जदयू विधायक डॉ संजीव का बिंदास अंदाज सुर्खियों में है.