लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रशासन ने इस अवसर पर लगने वाले मेला पर रोक लगा दी है. जिससे मेला में छोटे-छोटे दुकान लगाकर अपने परिवार की जीविका चलाने वाले दुकानदारों के बीच काफी मायूसी है. उधर दुर्गा पूजा समिति के द्वारा प्रशासनिक नियम का पालन करते हूए सादगीपूर्वक पूजा करने का निर्णय लिया गया है.
अपनी व्यथा को वयां करते हुए 55 साल से फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले एक दुकानदार बिशौनी के अतिप्राचीन सिद्ध पीठ श्री चतुर्भुजी दुर्गा मंदिर में “हें दुर्गा माय ननका कैय भेजौ बरका कैय नैय ” का रट लगाया करते थे. आईटीआई प्रशिक्षित कुल्हड़िया निवासी 70 वर्षीय नागेश्वर मालाकार 15 साल की उम्र से ही प्रत्येक वर्ष शारदीय नवरात्रा में बिशौनी के अतिप्राचीन सिद्ध पीठ श्री चतुर्भुजी दुर्गा मंदिर के प्रागंण में एक पन्नी बिछाकर बच्चो का खिलौना बेचा करते है. उनकी मां दुर्गा पर अटूट विश्वास है और वे बताते हैं कि मां दुर्गा की असीम कृपा से उनके पास आज झोपड़ी की जगह पर पक्का का घर है. लेकिन कोरोना काल ने उनके परिवार के लिए एक संकट पैदा कर दिया है. नागेश्वर मालाकार प्रशासन एवं मेला समिति से मदद की गुहार लगाते हुए कहते हैं कि कोरोना से संबंधित सारी नियमों का पालन करते हुए वे मां के दरबार में उपस्थित रहना चाहते हैं.
