Breaking News

जदयू के डॉ संजीव की हलचल से चढ़ने लगा है परबत्ता में सियासी तापमान




लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : चुनाव के तरीखों की घोषणा होने बाद गठबंधन के राजनीति के दौर में घटक दलों को बीच सीटों के तालमेल को लेकर रूठने व मनाने का सिलसिला जारी है. सीटों को लेकर पल-पल बदलते राजनीतिक हालात के बीच विभिन्न दलों के संभावित प्रत्याशियों के चेहरे पर शिकन व मुस्कान भी बदल रहे है. गठबंधन को लेकर प्रदेश स्तर के राजनीतिक हलचल के बीच परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में डॉ संजीव कुमार के जनसंवाद अभियान से क्षेत्र का सियासी तापमान चढ़ने लगा है.

गौरतलब ही कि परबत्ता विधानसभा की सीट पर एनडीए के घटक दल भाजपा की भी नजर है. फिलहाल इस सीट पर जदयू का कब्जा है. हलांकि 2015 के विधानसभा चुनाव के वक्त जदयू महागठबंधन में शामिल था और उस वक्त यह सीट जदयू के कोटे में रही थी. उस चुनाव में महागठबंधन समर्थित जदयू के उम्मीदवार आर एन सिंह ने एनडीए समर्थित भाजपा उम्मीदवार को शिकस्त दिया था. बहरहाल जदयू एनडीए का हिस्सा है. ऐसे में सीटों को लेकर भाजपा के कई संभावित उम्मीदवारों की नजरें भी इस सीट पर  रही है. लेकिन टिकट को लेकर विभिन्न दलों के संभावित उम्मीदवार एक तरफ पटना तक की दौड़ लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ डॉ संजीव कुमार क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं. जो कि बहुत कुछ इशारा कर रहा है. हलांकि कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि उम्मीदवारी को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से उन्हें ग्रीन सिंगनल भी मिल चुका है. हलांकि एनडीए सहित महागठबंधन ने इस सीट के उम्मीदवार को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की है. उल्लेखनीय है कि जदयू के स्थानीय विधायक आर एन सिंह इस बार चुनाव नहीं लडने का ऐलान पूर्व में ही कर चुके हैं और उनके पुत्र जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाधायक्ष डॉ संजीव कुमार का इस बार जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं पूर्व से रही है. उधर महागठबंधन के घटक दलों के बीच परबत्ता की सीट किस दल के कोटे में जाती है और यहां से किसे उम्मीदवारी मिलती है, यह देखना दीगर होगा. 

बात यदि परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के चुनावी सफर में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रदर्शन पर करें तो जदयू के उम्मीदवार इस सीट पर 2015, 2014 के उपचुनाव, 2005 के फरवरी व अक्टूबर के दोनों चुनाव एवं 2004 के उपचुनाव सहित कुल 5 जीत दर्ज कर चुके हैं. जबकि राजद को इस सीट पर वर्ष 2010 व 2000 मे जीत मिली थी. वर्ष 1995 व 1990 के चुनावों में यह सीट जनता दल के नाम रहा था. जबकि 1985, 1980, 1972, 1962 व 1957 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली थी. 

2015 के चुनाव में जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह ने 76,248 (45.1%) मत प्राप्त कर परबत्ता विधानसभा की सीट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रामानुज चौधरी को मात दिया था. रामानुज चौधरी को 47,324 (28.0%) मत मिले थे. जबकि जन अधिकार पार्टी के उम्मीदवार सुहेली मेहता 23,137 (13.7%) मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रही थीं. वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में परबत्ता से राजद उम्मीदवार सम्राट चौधरी ने 60,428 (42.8%) मतों के साथ जीत हासिल की थी. जबकि जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह 59,620 (42.2%) मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे थे. बाद के दिनों में सुहेली मेहता ने जदयू एवं सम्राट चौधरी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.

परबत्ता सीट पर कब किन्हें मिली जीत

वर्ष 1951 के चुनाव में कुमार त्रिवेणी (सोशलिस्ट पार्टी)

वर्ष 1952 में कुमार त्रिवेणी (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)

वर्ष 1957 व 1962 के चुनाव में लक्ष्मी देवी (कांग्रेस)

वर्ष 1964 के उपचुनाव में एस सी मिश्रा (कांग्रेस)

वर्ष 1967 के चुनाव में सतीश प्रसाद (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)

वर्ष 1969 के चुवाव में जगदंब प्रसाद मंडल (कांग्रेस)

वर्ष 1972 के चुनाव में शिवकांत मिश्रा (कांग्रेस)

वर्ष 1977 के चुनाव में नइम अख्तर (निर्दलीय)

वर्ष 1980 व 1985 के चुनाव में  राम चंद्र मिश्रा (कांग्रेस)

वर्ष 1990 व 1995 के चुनाव में विद्या सागर निषाद (जनता दल)

वर्ष 2000 के चुनाव में राकेश कुमार (राजद)

वर्ष 2004 के उपचुनाव सहित फरवरी 2005 व अक्टूबर 2005 के चुनाव में रामानंद प्रसाद सिंह (जदयू)

वर्ष 2010 के चुनाव में सम्राट चौधरी (राजद)

वर्ष 2014 के उपचुनाव व वर्ष 2015 के चुनाव में रामानंद प्रसाद सिंह (जदयू)

Check Also

लोगों को बच्चों के भविष्य के लिए करना चाहिए वोट : प्रशांत किशोर

लोगों को बच्चों के भविष्य के लिए करना चाहिए वोट : प्रशांत किशोर

error: Content is protected !!