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श्रद्धा व भक्ति के साथ महिलाओं ने किया हरितालिका तीज, चौरचन पर्व आज




लाइव खगडिया (मुकेश कुमार मिश्र) :  अखंड सौभाग्य का प्रतिक हरितालिका तीज शुक्रवार को श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया. जिसको लेकर खास कर नवविवाहिताओ में काफी उत्साह देखा गया.  सुहागिन महिलाएं पतियों के सुख- सौभाग्य, निरोग्यता के लिए निर्जला उपवास कर माता गौरी की पूजा श्रद्धा व भक्ति के साथ किया शुक्रवार की सुबह को हरितालिका तीज करने वाली व्रती स्नान आदि से निवृत्त होकर नए कपडे के साथ श्रृंगार कर एक चौकी पर रंगीन वस्त्रों के आसन बिछाकर शिव और पार्वती की मूर्तियों को स्थापित किया और व्रत का पालन करने का संकल्प लिया. संकल्प करते समय सुख, शांति एवं समृद्धि की  प्रार्थना करते हुए कुल, कुटुम्ब एवं  पति, पुत्र के कल्याण की कामना किया.

आरंभ में श्री गणेश का विधिवत पूजन किया गया. गणेश पूजन के पश्चात् शिव-पार्वती का आवाहन, आसन, पाद्य, अघ्र्य, आचमनी, स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, गंध, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, दक्षिणा तथा यथाशक्ति आभूषण आदि से  पूजन किया गया. पूजन की समाप्ति पर पुष्पांजलि चढ़ाकर आरती किया गया. कथा श्रवण के बाद अंत में बांस की टोकरी या डलिया में मिष्ठान्न, वस्त्र, पकवान, सौभाग्य की सामग्री, दक्षिणा आदि रखकर आचार्य पुरोहित को दान के रुप दी गई. पूजा के उपरांत महिलाए समूह बनाकर रात भर जागरण करती रही. शनिवार की सुबह पूजन से निवृत साम्रगी को गंगा में विसर्जन के बाद व्रतियो ने पारण किया. 

लोक पर्व चौरचन आज

चौरचन पर्व शनिवार  की संध्या मनाया जाएगा. जिसकी तैयारियों पूरी कर ली गई हैं. संध्या मे आगंन या छत पर रंग बिरंगे अरिपन बनाया जाएगा. प्रसाद के रूप में उसके उपर छोटे छोटे मिट्टी के बर्तनों में दही, पकवान एवं विभिन्न तरह की मिठाई पश्चिम दिशा की ओर संध्या के समय रखकर व्रतधारी महिलाएं के हाथों में बारी बारी से दहीं, पकवान की डाली  रख कर विभिन्न मन्त्रौउच्चारण के साथ चन्द्रमा को दूध एवं गंगाजल से अर्घ्य दिया जाएगा. 

सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी लोगों ने बरकरार रखा है. चन्द्रमा को अर्घ्य  देने के बाद ही लोग प्रसाद ग्रहण करेगे. प्रत्येक घरों में एक महिलाएं निराधार उपवास में रहेगी और संध्या में चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रती पानी ग्रहण करेगे . जबकि प्रातःकाल उपवास का निस्तार किया जायेगा .मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को व्रत करने से रोग, व्याधि आदि से मुक्ति मिलती हैं.

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