
पेट की आग बुझाने में खाकी बनी मददगार, खुद मास्क खरीद बांट डाला 8 हजार
लाइव खगडिया (मुकेश कुमार मिश्र) : कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन में देश भर में पुलिस संक्रमण के खतरों के बीच अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद है. इस कड़ी में पुलिस लॉकडाउन का पालन नहीं करने वालों पर सख्ती दिखा रही है और साथ ही जरूरतमंदों को सहयता प्रदान भी कर रही है. वैश्विक महामारी के दौर में पुलिस महकमे में कई संवेदनशील अधिकारियों के नेक कार्यों से मित्र पुलिस के सपने को आकार मिलने लगा है और संकट की इस घड़ी में कुछ पुलिस वाले आमजनों के जरूरतों के लिए अपना वेतन भी खर्च कर दे रहे हैं. इस कड़ी में जिले के परबत्ता प्रखंड के माधवपुर निवासी सब इंस्पेक्टर हारूण मुश्ताक का भी एक नाम आता है.
सब इंस्पेक्टर हारूण मुश्ताक कोरोना का सबसे बड़ा हॉट-स्पॉट बने मुंगेर जिले के जमालपुर थाना में पदस्थापित है. संकट के इस दौर में कई चुनौतियों का सामना करते हुए सब इंस्पेक्टर हारून मुश्ताक़ डोर टू डोर लोगो के बीच राशन व मास्क का वितरण करते हुए उन्हें जागरूक कर रहे हैं. उनके द्वारा की जा रही इस कार्य में एक बड़़ी बात यह भी रही है कि उन्होंने बढ़़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच किसी और से सहयोग का इंतजार नहीं करते हुए 8 हजार मास्क तैयार कराने में खुद का रूपया खर्च कर डाला. साथ ही उनकी कोशिश रही है कि विपदा की घड़ी में उनके क्षेत्र में कोई इंसान भूखा नहीं सोये और इसके लिए उन्होंने सूखा राशन के साथ-साथ खाना भी जरूरतमंदों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है. इस क्रम में गरीबों को सम्मान देते हुए वे खुद अपने हाथों से खाना खिलाते हैं. यह अचानक घोषित हुई लॉकडाउन के शुरूआती दिनों का दौर था. हलांकि बाद में जिला प्रशासन की तरफ से भी आमलोगो को मदद मिलने लगी.
हारूण मुश्ताक 2009 ई० में पुलिस सेवा से जुड़े और उनकी पहली पोस्टिंग भागलपुर जिला में हुआ. जहां विभिन्न थाना में थानाध्यक्ष के तौर पर योगदान देने के बाद 2019 में वे मुगेर जिला के जमालपुर थाना में पदस्थापित किये गये. कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी कर्तव्यनिष्ठता व कार्यशैली से एक हीरो के रूप में उभरे हारूण मुश्ताक बीच-बीच में खुद की भी जांच करवाते हैं. ताकि आमजनों की सेवा के क्रम में जाने-अनजाने वो संक्रमण का माध्यम नहीं बन सके. बहरहाल कोरोना महामारी के दौरान उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है. दूसरी तरफ उनके पैतृक गांव माधवपुर में उन्हें सम्मानित करने की योजना बन रही है. बताया जाता है कि कोरोना महामारी के बाद उन्हें माधवपुर पंचायत की ओर से सम्मानित किया जाएगा.