Breaking News

इस काली मंदिर के पूजन पद्धति का है विशेष महत्व,उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता  प्रखंड के खजरैठा पंचायत के खजरैठा गांव अवस्थित सिद्ध शक्तिपीठ में मां काली की आराधना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.भक्तों का मानना है कि मां काली सभी की मुरादें पूर्ण करती हैं.वहीं दर्शन के लिए भक्तगण दूर-दूर से पहुंच रहे हैं.



मंदिर का इतिहास

मां काली पूजा समिति,खजरैठा के अध्यक्ष बालकृष्ण चौधरी बताते हैं कि कई सौ वर्ष पूर्व मां काली की पूजा सर्वप्रथम गांव के ही हंसु ठठेरी ने प्रारंभ किया था.जो अब तक बरकरार है.यह मंदिर पहले लक्ष्मीपुर में था.जो गंगा के कटाव में विलीन हो गया.इसके उपरांत वर्ष 1957 में इस मंदिर की स्थापना नया टोला खजरैठा में किया गया.जिसमें ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिला.

वहीं ग्रामीण श्यामानंद चौधरी बताते हैं कि मंदिर निर्माण में पूर्व जिला परिषद सदस्य पंकज कुमार राय की भी अहम भूमिका रही है.साथ ही ग्रामीणों ने भी मंदिर निर्माण में खुलकर सहयोग किया.जो समाज में एकता,अखंडता एवं संकल्प का प्रतीक है.आज मंदिर की भव्यता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है.




मंदिर के पूजन पद्धति का है विशेष महत्व

खजरैठा काली मंदिर के पूजन पद्धति का विशेष महत्व है. मंदिर के पंडित शंभु नाथ ठाकुर बताते हैं कि मंगलवार देर रात्रि को मां काली की प्रतिमा को पिंडी पर विराजमान किया गया एवं आमलोगों के दर्शन के लिए मंदिर का पट खोल दिया गया.प्राण प्रतिष्ठा के बाद निशा पूजन के साथ छागड़ की बलि दी गई.आज गुरूवार के दिन ब्रह्माण भोजन करवाया गया.यह पुरानी परंपरा आज भी बरकरार है.साथ ही बताया गया कि मां की प्रतिमा का विसर्जन शुक्रवार की संध्या में किया जाएगा.



Check Also

एक साथ उठी मां – बेटे की अर्थी, परिजनों में मचा कोहराम

एक साथ उठी मां - बेटे की अर्थी, परिजनों में मचा कोहराम

error: Content is protected !!