Breaking News

चौधरी महबूब अली कैसर : चुनावी मैदान में जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी

लाइव खगड़िया : 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है और लोजपा सांसद चौधरी महबूब अली कैसर क्षेत्र में सात दिवसीय दौरे पर हैं. इस बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप से जिले की राजनीति गर्म हो गई है. माना जा रहा है कि खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारियों में जुट गए हैं. जिले के एनडीए सहित विपक्ष के नेताओं से उनकी मुलाकात खगड़िया संसदीय सीट पर बदलते राजनीतिक समीकरण का संकेत दे रहा है.

उल्लेखनीय है कि चौधरी मबहूब अली कैसर 2014 में खगड़िया संसदीय सीट से लोजपा प्रत्याशी के तौर पर जीते थे. जबकि 2019 में वे एनडीए समर्थित लोजपा प्रत्याशी के तौर पर ही महागठबंधन के वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को मात देकर लगातार दूसरी बार जीत का परचम लहराया था.  माना जा रहा है कि उनकी जीत में मोदी फैक्टर बड़ा कारण रहा था. साथ ही वे मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाने में सफल रहे थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 302 सहित एनडीए के 351 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. जिसमें चौधरी महबूब अली कैसर ही एक मात्र मुस्लिम चेहरा थे.

लोजपा की टिकट पर खगड़िया संसदीय सीट से लगातार दो जीत हासिल करने वाले चौधरी महबूब अली कैसर बेहद ही शालीन स्वभाव के मानें जाते हैं. लोजपा में आने से पहले महबूब अली कैसर कांग्रेस में हुआ करते थे और बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है. हलांकि लोजपा में टूट के बाद कैसर पशुपति पारस गुट में चले गए. इस बीच हाजीपुर संसदीय सीट को लेकर लोजपा (रा) सुप्रीमो चिराग पासवान व आरएलजेपी प्रमुख सह हाजीपुर सांसद पशुपति पारस के बीच तकरार बढ़ रही है और राजनीक गलियारे में चर्चाएं हैं कि पशुपति पारस खगड़िया संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. यदि यह स्थिति बनी तो खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर को टिकट के लिए एक नये विकल्प की तलाश करनी होगी और सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कैसर तमाम संभावनाओं पर नजर रखते हुए चुनावी की तैयारी में जुट गये है. गौरतलब है कि चौधरी महबूब अली कैसर के पुत्र युसुफ सलाउद्दीन सिमरी बख्तियारपुर के राजद विधायक हैं. दिलचस्प है कि कैसर के पुत्र भी वीआईपी उम्मीदवार मुकेश सहनी को ही चुनाव में मात देकर विधायक बने थे. उल्लेखनीय है कि सिमरी बख्तियारपुर विधान सभा का क्षेत्र भी खगड़िया संसदीय क्षेत्र में शामिल है. दूसरी तरफ बिहार के विभिन्न चुनावों में सामाजिक समीकरण को भी एक बड़ा फैक्टर माना जाता रहा है और निश्चय ही विभिन्न दल अपने प्रत्याशियों के चयन में इस पर भी विशेष ध्यान रखते रहें हैं.

Check Also

नप चुनाव में हलचल मचाने के बाद मनीष की नजर विस चुनाव पर, थामेंगे PK का हाथ

नप चुनाव में हलचल मचाने के बाद मनीष की नजर विस चुनाव पर, थामेंगे PK का हाथ

error: Content is protected !!