नई पहल : ‘सहज’ हस्त पुस्तिका का विमोचन, गागर में सागर भरने की कोशिश
लाइव खगड़िया : आपदा चाहे कोई भी क्यों न हो, उसके नाम से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं और विभिन्न तरह की आशंकाएं मन को बेचैन कर देती है. बाढ़ भी एक ऐसी ही आपदा है. नदियों की नैहर ‘खगड़िया’ तो हर साल बाढ़ की विभीषिका को सहने को जैसे बाध्य ही रहा है. हलांकि जिला प्रशासन संभावित बाढ़ से निपटने के लिए फरवरी से ही तैयारी प्रारंभ कर चुकी है. इस कड़ी में जिला प्रशासन के द्वारा एक नई पहल की गई है, जो कि खासा चर्चाओं में है.
वैसे भी कुछ नया करने की सोच के लिए जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष जाने जाते रहे हैं और उनके नेतृत्व में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा आवश्यक सूचनाओं सहित विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियों को एक जगह सहेजने की अनोखी पहल की गई है. दरअसल शुक्रवार को जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष एवं पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार की उपस्थिति में आपदा प्रबंधन से संबंधित ‘सहज’ नामक एक हस्त पुस्तिका का विमोचन अपर समाहर्ता शत्रुंजय कुमार मिश्रा के द्वारा किया गया. बताया जाता है कि जिलाधिकारी ने 4 सालों की सेवा देने के बाद जिले से स्थानांतरित हुए अपर समाहर्ता को सम्मान देते हुए उनके हाथों से हस्त पुस्तिका का विमोचन करवाया और निश्चय ही यह अवसर स्थानांतरित अपर समाहर्ता के लिए एक यादगार पल बन गया होगा.
‘सहज’ हस्त पुस्तिका में बाढ़ प्रभावित स्थानों, शरण स्थली, राहत शिविर, पशु शिविर एवं अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी सहित जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का मोबाइल नंबर दिया गया है. बताया जाता है कि यह पुस्तिका ना सिर्फ बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान बल्कि अन्य मौकों पर भी उपयोगी सिद्ध होगा. जिलाधिकारी ने बताया है कि सहायता से संबंधित सारी जानकारी लोगों को एक जगह मिल सके इसलिए ही पुस्तिका का नाम ‘सहज’ रखा गया है एवं इसकी सॉफ्ट कॉपी सभी को उपलब्ध कराई जाएगी. जो आपदा कार्यों में जुड़े पदाधिकारियों व कर्मियों के लिए भी सहज, सुलभ एवं अत्यंत उपयोगी दस्तावेज सिद्ध होगी.
‘सहज’ पुस्तिका में न सिर्फ आपदा प्रबंधन कार्यों में संलग्न पदाधिकारियों व कर्मियों का संपर्क नंबर अंकित है बल्कि अंचलवार महत्वपूर्ण घाटों की सूची, संसाधन, मानचित्र, उच्च शरण स्थलों की सूची, समुदायिक रसोई की सूची एवं किये जा रहे बाढ़ निरोधक कार्यों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध है. साथ ही सभी मुखिया, सरपंच एवं बाढ़ प्रभावित पंचायतों के वार्ड सदस्यों का भी मोबाइल नंबर अंकित किया गया है. इतना ही नहीं आपदा के दौरान अफवाहों का खंडन को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मीडिया कर्मियों के संपर्क नंबर को भी पुस्तिका में जगह दी गई है. हस्त पुस्तिका में एसडीआरएफ, फायर सर्विस सहित विभिन्न थानों का संपर्क सूत्र भी अंकित किया गया है. कुल मिलाकर माना जा सकता है कि ‘सहज’ हस्त पुस्तिका के माध्यम से जिला प्रशासन ने ‘गागर में सागर’ भरने की कोशिश की है.