प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा यह विद्यालय, ग्रामीणों के सहयोग से बना दो क्लास रूम
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : जिले के परबत्ता प्रखंड के पिपरालतीफ पंचायत के उच्चतर माध्यमिक मकतब इस्लामपुर में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. मकतब में कुल नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 1600 है. जिसमें वर्ग 1 से 8 तक 1350 और शेष उच्चतर माध्यमिक में नामांकित छात्र-छात्राएं हैं. विद्यालय सदैव ही अपने शैक्षणिक माहौल एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण चर्चाओं में रहा है और यहां हर दिन बच्चों की 85 से 90 प्रतिशत तक उपस्थिति दर्ज होती है. जिसमें विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य एवं शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. बताया जाता है कि यदि किसी दिन बच्चों की उपस्थिति कम रहती है तो शिक्षक एवं विद्यालय समिति से जुड़े सदस्य बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क करते हैं. वर्ष 2018 में उक्त मकतब को उत्क्रमित करते हुए उच्चतर माध्यमिक का दर्जा तो प्रदान कर दिया गया. लेकिन आज तक नामांकित छात्र-छात्राओं के अनुपात में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है.
10 कमरे में पढ़ते हैं डेढ़ हजार बच्चे
संसाधनों के कमी से जूझ रहे उच्चतर माध्यमिक मकतब इस्लामपुर को किसी तारणहार की तलाश है. ताकि विद्यालय के शैक्षणिक माहौल को गति मिल सके. वर्तमान में बच्चों की पढ़ाई के लिए 8 कमरे है. जबकि दो कमरे ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया हैं. बताया जाता है कि कमरे के आभाव के कारण कक्षा 9 एवं 10 की पढ़ाई शुरू नहीं हो सका है. बहरहाल कुल 10 कमरों में ही हजारों बच्चों को पढ़ाई करनी पड़ रही हैं.
सांस्कृतिक गतिविधियों की जिले भर में होती है चर्चा
सरकारी आदेश हो या फिर अन्य कोई खास दिन उच्चतर माध्यमिक मकतब इस्लामपुर के बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम का जिले भर में चर्चाएं रहती है. यहां के बच्चे जिला से लेकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में विद्यालय का नाम रोशन कर चुके है. शराबबंदी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, शिक्षा जागरूकता को लेकर आयोजित कार्यक्रम को जिले भर में सराहा गया था.
अनुशासन है विद्यालय का मूल मंत्र
विद्यालय के प्रधान मोहम्मद रियाजुद्दीन बताते हैं कि अनुशासन विद्यालय का मूल मंत्र है. हय परिस्थिति में यहां के बच्चे एवं विद्यालय परिवार के सभी सदस्य अनुशासन को पहली प्राथमिकता देते हैं. हर दिन विद्यालय परिसर में होने वाले चेतना सत्र के दौरान बच्चों की अनुशासन भावना झलकती है.
प्रशासनिक स्तर से होती रही है विद्यालय की उपेक्षा
2016 से विद्यालय छात्र छात्राओं की असुविधा को रखते हुए अतिरिक्त वर्ग कक्ष के निर्माण के लिये जिला स्तर पर कई बार गुहार लगाई गई. लेकिन शिक्षा विभाग ने ध्यान नहीं दियि. प्रधानाध्यापक रियाज उद्दीन ने बताया है कि ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय के संसाधनों को बेहतर करने का प्रयास किया गया तथा दो कक्षा का निर्माण भी किया गया. जबकि शिक्षा विभाग एवं जिलाधिकारी को आवेदन देकर अतिरिक्त कक्ष निर्माण की मांग रखी गई है.
हर दिन गुंजती हैं संविधान की प्रस्तावना
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक मकतब इस्लामपुर के बच्चे प्रतिदिन प्रात: प्रार्थना के पश्चात् भारत के संविधान की प्रस्तावना का पाठ करते हैं और यह पाठ सभी बच्चों को अब याद हो गया है. बताया जाता है कि यह क्रम विगत कई वर्षों से अनवरत चल रहा है और जब सुबह में एक साथ हजारों बच्चे शपथ लेने की मुद्रा में हाथ उठाकर संविधान की प्रस्तावना करते हैं तो वह नजारा अद्भुत होता है. इस दौरान बच्चों को शारीरिक व्यायाम भी कराया जाता है.