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राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया 186 मामलों का निष्पादन

लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा शनिवार को व्यवहार न्यायालय, खगड़िया एवं अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय, गोगरी में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष कुमुद रंजन सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. जबकि अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय, गोगरी में कार्यक्रम का उद्घाटन अवर न्यायाधीश राजीव कुमार ने किया. इस अवसर पर उपस्थित पक्षकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्ष की जीत होती है और राष्ट्रीय लोक अदालत में वकील पर खर्च नहीं होता है. साथ ही कोर्ट फीस नहीं लगता है और किसी पक्ष को कोई सजा नहीं होती है. साथ ही मुआवजा या हर्जाना तुरंत प्राप्त होता है और आसानी से न्याय मिल जाता है. यहां का फैसला अंतिम होता है और इसके खिलाफ कहीं अपील भी नहीं होती है. लोक अदालत में निष्पादित वादों के पश्चात समाज एवं परिवार में सामाजिक सौहार्द और भाईचारा स्थापित होता है.




कार्यक्रम का संचालन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव समरेंद्र गांधी ने किया. जिसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर बनाए गए विभिन्न न्याय पीठों का निरीक्षण किया. पिछले राष्ट्रीय लोक अदालत की तुलना में आज 50 प्रतिशत से अधिक वादों का आपसी सुलह समझौते के आधार पर निष्पादन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी प्रकार के दीवानी व फौजदारी वादों को उपस्थापित किया गया. इसके अतिरिक्त बिजली, श्रम, टेलीफोन, नीलाम पत्र वाद, भू- अर्जन, बैंक से संबंधित मामले को न्याय पीठ के समक्ष रखा गया तथा आपसी सहमति के आधार पर वाद का निष्पादन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में खगड़िया और गोगरी में सूचीबद्ध कुल 1618 मामलों में से 186 निष्पादित किए गए. जबकि मुकदमा पूर्व 1091 मामलों का शत प्रतिशत निष्पादन किया गया. वहीं 6,62,58,997 की राशि समझौता के तहत जमा की गई.



मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव समरेंद्र गांधी ने बताया कि लोक अदालत में मुकदमा पूर्व 1091 मामलों का शत प्रतिशत निष्पादन करते हुए 5,89,86,997 रूपये की समझौता राशि जमा कराई गई. मुकदमा पूर्व 1091 में से 1077 मामले बैंक रिकवरी से संबंधित थे. जबकि 14 मामले बीएसएनएल से संबंधित थे. बैंक रिकवरी से संबंधित 1077 मामले में 5,89,61,310 रूपये समझौता राशि के रूप में एवं बीएसएनएल से संबंधित 14 मामले में 25687 रूपये समझौता राशि के रूप में जमा कराए गए. राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न श्रेणियों में सूचीबद्ध कुल 1618 वादों में से 186 वाद निष्पादित किए गए. जिसमें से सर्वाधिक 1332 मामले अपराधिक शमनीय वाद से संबंधित थे और इसमें से 132 वादों का निष्पादन किया गया. वहीं मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से संबंधित 118 में से 7 वादों का निष्पादन करते हुए 69,75,000 की राशि जमा करवाई गई. जबकि विद्युत बिल से संबंधित 31 वादों में से 13 वादों का निष्पादन करते हुए 1,52,000 की राशि जमा करवाई गई. माप-तौल से संबंधित 91 वादों में से 29 वादों को निष्पादित करते हुए 1,45,000 रूपये समझौता राशि के तौर जमा करवाया गया. जबकि वैवाहिक विवाद से संबंधित 32 वादों में से 5 वादों का निष्पादन करवाया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार व्यवहार न्यायालय खगड़िया में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में प्रदर्शनी कार्यक्रम का भी आयोजन भी किया गया. वहीं जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न विषयों पर कानून की जानकारी दी गई. लोगों को एसिड आक्रमण, यौन उत्पीड़न, मानव व्यापार, स्टॉकिंग आदि के संबंध में कानूनी जानकारी दी गई.



विदित हो कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वादों का सुलह-समझौता के आधार पर नि:शुल्क निपटारा किया जाता है. इनमें अपराधिक शमनीय वाद, एनआई एक्ट, धारा 138 वाद, बैंक ऋण वसूली वाद, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण वाद, वैवाहिक वाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, राजस्व मामले, विद्युत तथा पानी बिल संबंधित विवाद शामिल हैं. मौके पर जिलाधिकारी सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के उपाध्यक्ष आलोक रंजन घोष, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव समरेंद्र गांधी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओम शंकर, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार, अमित उपाध्याय, शरद चंद्र कुमार सहित कई अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित थे. साथ ही जिला विधिक संघ के सचिव महेश सिंह, जिला विधि शाखा के प्रभारी सह वरीय उप समाहर्ता राजन कुमार, प्रभारी सिस्टम पदाधिकारी कर्मशील कुमार, कोर्ट मैनेजर विपिन कुमार सहित सभी संबंधित बैंकों के अधिकारी, पीएलवी, पैनल अधिवक्ता मौजूद थे.



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