ओबीसी समाज के उत्थान के लिए मोदी सरकार का 7 साल स्वर्णिम काल : उपमुख्यमंत्री
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार से आवास बोर्ड स्थित कल्याण सिंह सभागार के मंजू वाटिका में शुरू हुई. जिसका उद्धाटन उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जयनाथ चौहान, प्रदेश प्रवक्ता संजय खंडेलिया, बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेन्द्र जी आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
मौके पर संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि ओबीसी समाज के उत्थान के लिए मोदी सरकार का सात साल स्वर्णिम काल रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ओबीसी के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं. पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग एक लंबे समय से चली आ रही थी. लेक्न पुरानी सरकारों ने इसे ठंडे बस्ते में डाल कर रखा था. जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देकर ओबीसी वर्ग के लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया. पिछड़े वर्ग के सशक्तिकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल है और यह देश की बड़ी आबादी वाले पिछड़े वर्गों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक सशक्तिकरण एवं उनका सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है.
वहीं उपमुख्यमत्री ने कहा कि भारत के मंत्रिमंडल में ओबीसी समाज को व्यापक प्रतिनिधित्व मिला है. वर्तमान में मोदी सरकार में 27 मंत्री ओबीसी समुदाय से हैं और भारत के मंत्रिमंडल में 35 प्रतिशत मंत्री ओबीसी वर्ग से हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार के साथ ही सामाजिक न्याय को भी प्राथमिकता दी है. मेडिकल शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला किया गया. इसे वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से ही लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है और इस निर्णय से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1,500 ओबीसी छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा. वहीं मेडिकल के स्नातकोत्तर कोर्स में 2,500 ओबीसी छात्रों के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हो गया है.