फिर से गर्म हो गई परबत्ता की राजनीति, सोशल साइट बना जंग-ए-मैदान
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : अमूमन चुनावी राजनीति चुनाव के संपन्न हो जाने के उपरांत या तो शिथिल पड़ जाता है या फिर वो बीते दिनों की यादें बनकर रह जाती है. लेकिन जिले का परबत्ता क्षेत्र एक ऐसी जगह है जहां की राजनीतिक हलचल कभी शिथिल नहीं होती और वर्ष दर वर्ष प्रतिद्वंदी गुट के समर्थकों के बीच शह व मात खेल चलता रहता है. शायद यही कारण रहा है परबत्ता विधान सभा क्षेत्र के चुनावी मुकाबले में रोचकता बनी रहती है.
हाल के दिनों में परबत्ता की राजनीति एक बार फिर गर्म हो चला है और जंग का मैदान बना है सोशल साइट. दरअसल परबत्ता के जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार और खगड़िया के लोजपा सांसद चौधरी महबूब अली कैसर के समर्थकों के बीच चल रहे जुबानी जंग का नींव वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान ही पड़ गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान खगड़िया संसदीय क्षेत्र से एनडीए समर्थित लोजपा उम्मीदवार के तौर पर डॉ सजीव कुमार की चर्चाएं काफी तेज रही थी और बताया जाता है कि टिकट की दौर में वो काफी आगे निकल चुके थे. दूसरी तरफ लोजपा सांसद चौधरी महबूब अली चौधरी के टिकट पर ग्रहण लगता हुआ प्रतित हो रहा था. लेकिन अंतिम वक्त में चौधरी महबूब अली कैसर लोजपा सुप्रिमो को मनाने में सफल रहे और एक बार फिर वे एनडीए समर्थित लोजपा उम्मीदवार बनाये गए थे. साथ ही वे चुनाव में जीत हासिल कर लगातार दूसरी बार सांसद बने. इस बीच जदयू नेता डॉ संजीव कुमार के समर्थकों ने लोजपा उम्मीदवार का पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया था. चुनाव के दौरान इस गतिरोध को दूर करने के लिए सीएम नीतीश कुमार को खुले मंच से एनडीए उम्मीदवार को समर्थन करने का ऐलान करना पड़ा था. उस वक्त डॉ संजीव कुमार के पिता आर एन सिंह परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के विधायक हुआ करते थे.
विगत विधानसभा चुनाव में परबत्ता की राजनीति एकबार लोगों को अंचभित कर गया. जिले में भाजपा का मजबूत स्तंभ माने जाने वाले बाबू लाल शौर्य पाला बदल कर लोजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर गये. जबकि जदयू ने निवर्तमान विधायक आर एन सिंह के पुत्र डॉ संजीव कुमार को एनडीए समर्थित जदयू उम्मीदवार बनाया और जदयू के डॉ संजीव चुनाव जीतने में सफल रहे. गौरतलब है कि विगत विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए उम्मीदवार से अलग अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा था. इधर हाल के दिनों में लोजपा सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने बाबू लाल शौर्य को सांसद प्रतिनिधि की जिम्मेदारी सौंपी. बीते दिनों परबत्ता विधायक के द्वारा गोगरी में किए एक शिलान्यास को लेकर सांसद व सांसद प्रतिनिधि ने परबत्ता विधायक के कार्यशैली पर कुछ सवाल खड़ा कर स्थानीय राजनीति को गर्म कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार सांसद ने लॉकडाउन के गाइडलाइन का उल्लंघन करने एवं शिलान्यास के शिलापट्ट पर सीएम, विभाग के मंत्री या सांसद का नाम अंकित नहीं होने पर प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सीएम, स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. साथ ही सांसद प्रतिनिधि बाबूलाल शौर्य ने इन्हीं मामले को लेकर जिलाधिकारी को आवेदन देकर गोगरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी व स्थानीय जनप्रतिनिधि पर सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई करने व शिलापट्ट हटाने की मांग की है. बहरहाल एनडीए के दो घटक दलों के समर्थकों के बीच शुरू हुई राजनीतिक जुबानी जंग किस मुकाम पर पहुंच खत्म होता है, यह तो वक्त ही बतायेगा.