फानगो हॉल्ट से सिमरी बख्तियारपुर तक की सड़क के लिए 147 करोड़ की स्वीकृति
लाइव खगड़िया (मनीष कुमार) : मानसी-सहरसा-हरदी चौघारा सड़क के पथांश निर्माण में व्यय के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है. पटना में मंगलवार को आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है. जिसकी अध्यक्षता सीएम नीतीश कुमार के द्वारा किया गया. इस बात की जानकारी देते हुए सांसद प्रतिनिधि आदित्य कुमार शौर्य उर्फ बाबुलाल शौर्य ने बताया है कि सांसद चौधरी महबूब अली कैसर का प्रयास सफल रहा है और पथ निर्माण विभाग के द्वारा BSHP-3 (Bihar state Highway Project-3) के अंतर्गत राज्य उच्च पथ संख्या- 95 ( मानसी- सहरसा -हरदी चौधरा पथ) के फनगो हॉल्ट से NH- 107 सिमरी- बख्तियारपुर तक के चैनेज किलोमीटर 14.11 से 28 .075 में पुल-पुलिया एवं आरओबी निर्माण कार्य सहित 10 मीटर चौड़ी सड़क (2-लेन with Paved shoulder) के साथ पथ का उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु कुल 147 करोड़ 91 लाख 68 हजार रुपए की अनुमानित व्यय करने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.
उल्लेखनीय है कि राज्य उच्च पथ संख्या 95 मानसी- सहरसा- हरदी चौघारा पथ एनएन 31 के 276.200 किमी पर मानसी से शुरू होकर बदला बांध, फनगो हॉल्ट, सिमरीबख्तियारपुर, सहरसा, शिवपुरी, अमहा होते हुए सुपौल, सिहेंश्वर एनएच 66 पथ के हरदी चौघाडा़ चौक पर मिलेगी. यह पथ खगडिया, सहरसा, मधेपुरा एवं सुपौल चार जिलों से गुजरती है. मानसी से फनगो हॉल्ट तक के पथांश की लंबाई 14.110 किमी. है. वर्तमान में इस पथांश का 7.300 किमी. मौजूदा पथ जिले के पथ निर्माण विभाग के अंतगर्त है. जबकि किमी. 7.300 से 14.110 किमी. यानि 6.51 किमी. बदला घाट से फनगो हॉल्ट के बीच पथ नहीं है. इसके बीच में चार बड़ी-बडी नदियां तथा रेलवे क्रासिग भी है.
बदला बांध से फनगो हॉल्ट तक पथ नहीं रहने के कारण बलहा, हरदिया, रोहर बंगालिया, फनगो आदि गांव के लोगों को बहुत बड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता रहा है. इस पथ पर बने छोटी रेल लाइन की पटरी के सहारे ही लोग आवागमन करते हैं. साथ ही बदला से फनगो तक सड़क नहीं रहने से खगडिया, सहरसा, मधेपुरा एवं सुपौल जिलों के वाणिज्यिक एवं भारी वाहनों को एनएच 107 अलग- अलग रास्तों से सफर तय करना मजबूरी रहती है. जिससे लोगों को करीब 75 किमी. की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है. मानसी से कात्यायनी स्थान, सलखुआ, सिमरी बख्तियारपुर, सोनवर्षा होते हुए हरदी चौघरा तक सड़क बनने से लोगों का एक नया मार्ग मिलेगा. साथ ही कोसी क्षेत्र का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल मां कात्यायनी स्थान भी सड़क मार्ग से जुड़ते हुए पर्यटन के रूप में विकसित होगी.