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श्री सीताराम विवाहोत्सव व राम कथा ज्ञान यज्ञ की तैयारी जोरों पर




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : अगहन मास (मार्गशीष मास) में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष 19 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन भगवान राम और सीता का विवाह हुआ था. हिंदू धर्म में विवाह पंचमी को भगवान राम और माता सीता के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन तुलसी दास ने रामचरित्र मानस भी पूर्ण किया था. विवाह पंचमी का खास महत्व है. जिसको लेकर 19 दिसंबर को जिले के मानसी थाना अन्तर्गत  पश्चिम ठाठा पंचायत के श्री जानकी ठाकुरबाड़ी आदर्श ग्राम बख्तियारपुर गांव में श्री सीताराम विवाहोत्सव व राम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्री शिव शक्ति योग पीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के पावन सान्निध्य में किया जाएगा. जिसकी तैयारी जोरों पर हैं. स्थानीय राजा, राजीव, सोनू चौहान, निशांत, शंभू सिंह, आशुतोष, रवि, संदन सिंह, शंकर प्रसाद सिंह, दयानिधि प्रसाद सिंह, धीरेन्द्र प्रसाद सिंह, जमाहर प्रसाद सिंह, उग्रमोहन प्रसाद सिंह, पंकज सिंह सुधीर सिंह, नरेश प्रसाद सिंह, सत्यनारायण शर्मा पवन पासवान, मोदी साह आदि ने बताया है कि कोविड  19 के सारी नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा 


19 दिसंबर को श्रोतागण परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज एवं अयोध्या से पधारे  स्वामी शशिधरणाचार्यजी आदि के मुखाविंद से संगीतमय कथा का रसपान करेंगे. साथ ही नामचीन संगीत कलाकार भावपूर्ण भक्ति संगीत की रस धारा बहाएंगे. बताया जाता है कि 19 दिसंबर को सुबह 8 बजे से 12 बजे दिन तक कलश शोभायात्रा व बारात भ्रमण देव पूजन, दिन में 12 बजे से 5 बजे तक पंडित चंद्रकांत, पंडित भूषण, पंडित भूषण वेदांत जी ,पंडित प्रेम शंकर भारती, डॉ हिमांशु मोहन मिश्र (दीपक जी ), अयोध्या से पधारे स्वामी शशिधरणाचार्यजी, परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के द्वारा सत्संग प्रवचन कार्यक्रम होगा. जबकि 20 दिसंबर को सुबह ठाकुर जी का पूजन एवं दिन में 9 बजे से 11 बजे तक दीक्षा कार्यक्रम सुनिश्चित किया गया हैं.

विवाह पंचमी का महत्व

हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का खास महत्व माना जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा का विधान है. जिन लोगों की शादी में बाधाएं आ रही है उनके लिए विवाह पंचमी पर पूजन करना बहुत लाभदायक माना जाता है. इस दिन पूजा-अर्चना करने से वैवाहिक जीवन भी सुखमय बनता है और दांपत्य जीवन की सारी समस्याएं स्वतः ही दूर हो जाती है.

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