
वायरल : अब गरीब, असहाय व दुर्बल का आंसू कौन पोछेगा ?
लाइव खगड़िया : पूर्व विधायक रणवीर यादव के फेसबुक आई.डी. से शेयर किया गया एक पोस्ट काफी तेजी से सोशल साइट पर वायरल हो रहा है. जिसे खगड़िया विधानसभा सीट से एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी पूनम देवी यादव की हार के बाद बुधवार की सुबह फेसबुक पर शेयर किया है और पोस्ट को ‘संदेश’ नाम देते हुए सवाल किया गया है कि “अब गरीब असहाय व दुर्बल का आंसू कौन पोछेगा ? उल्लेखनीय है पूनम देवी यादव खगड़िया की चर्चित पूर्व विधायक रणवीर यादव की पत्नी हैं. जिन्हें लगातार चार बार जीत दर्ज करने के बाद इस वर्ष के विधानसभा चुनाव में बेहद ही कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. बहरहाल,आगे वायरल पोस्ट को हु-ब-हू वैसे ही उन्हीं के शब्दों में पढ़ा जा सकता है…
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“अब गरीब असहाय दुर्बल का आंसू कौन पोछेगा ?”
दिनांक 11-11- 2020, आज सुबह होते ही सब कुछ खगड़िया का बदल गया, पूनम देवी यादव जी आप के विधायक नहीं रहे, और मेरा परिवार आपका सेवक नहीं रहा ? चुकी बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का चुनाव प्रक्रिया संपन्न के साथ खगड़िया विधानसभा क्षेत्र का प्रक्रिया पूर्ण हो गया। जिसमें आप लोगों ने श्रीमती पूनम देवी यादव एनडीए समर्थित (जदयू) प्रत्याशी को 43,369 मत दिए, जिसके कारण लगभग 2,998 मतों से पिछड़ गई। इससे पूर्व पूनम जी को चार बार और मुझे एक बार विधायक बना कर सेवा करने का आप सबों ने शुअवसर दिया। हम लोग दलीय राजनीतिक से ऊपर उठकर 30 वर्षो से इस धरती और यहाँ के लोगों को ईश्वर-अल्लाह के तरह पूजा है ऐसा भी हो सकता है? विश्वास नहीं हो रहा है पर हकीकत को कौन झूठला सकता है। हमलोग सामाजिक-राजनीतिक जीवन में हर समय आमजन को ईश्वर का प्रतीक मानकर सबों का सेवा किया। अपने जीवन में मेरा परिवार दो प्रकार से सेवा किया, एक सरकारी सुविधा का लाभ आज तक इमानदारी पूर्वक पहुंचाया। इसके लिए सड़क से विधानसभा के सदन तक आवाज उठाया। यह कभी नहीं समझा कि सत्ताधारी दल के विधायक हैं, प्रशासनिक कमियों को उजागर ना करूं। साथ ही, सामाजिक सरोकार की समस्या जैसे कभी भी कोई पीड़ित,दुखिया समस्या से ग्रसित लोगों के आने पर स्वयं से भरसक सहयोग करने का काम किया है। चाहे आर्थिक क्यों ना हो, जिसके कारण कुछ अवांछित लोग ईष्या, द्वेष के कारण भितरघात किया जिसके कारण कुछ सौ मतों से पराजित हुए। अगर पूनम जी और सरकार की विफलता के कारण पराजित होती तो मतों का अंतर भी बड़ा होता। इस बार के चुनाव में बहुत का चरित्र गिरते देखा गया। कोई शराब, कोई मांस और कोई रुपए के लोभ में चरित्र गिराया है। वोट को सौदागर के हाथों बिकते देखा गया। जिसे इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। अब परिणाम के बाद कोई शराब नहीं देगा, ना मांस देगा जहां तक पहचानने से इनकार करेंगे। कोई सड़क के मरम्मत के लिए सीमेंट, बालू और हर एक परिवार को नौकरी की बात कहने वाला अब कोई नहीं मिलेगा। यह सब कुछ वोट के सौदागर का चुनावी जुमला था। आपको झांसा देने के लिए।
मुझे पूनम जी विधायक नहीं रहे, इसका मलाल नहीं है मलाल तो सिर्फ इस बात की है, अब गरीब, कमजोर और असहाय की बात कौन सुनेगा ? अब बीमार, लाचार, ठंड से कांपते बूढ़े- बच्चे, महिलाएं को वस्त्र कौन देगा। अब कौन करेगा गरीब के इलाज का अनुशंसा ऊपर से आने-जाने का खर्च दवाई का पैसा ? ऐसे लोगों को अब ईश्वर ही देखेंगे। अब ना ही अधिकारी सुनेगा ना ही जनप्रतिनिधि मिलेगा फिर खगड़िया जाती- पार्टी के पेंच में फंस गया। अंत में उन सभी साथी, राजनीतिक सहयोगी खासकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल के स्थानीय नेताओं का हृदय से आभारी हूँ। जिन्होंने ईमानदारी से सहयोग और साथ दिया साथ ही रणवीर फैंस एंव वीर बंधु बधाई के पात्र हैं। जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में अदम्य साहस और धैर्य से चुनाव लड़ा ।
जय खगड़िया- जय बिहार,
रणवीर_यादव