गोगरी व परबत्ता में बाढ़ का तांडव,सैकड़ों घरों में घुसा पानी
लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : आपदा के पूर्व की भले ही प्रशासनिक तैयारियां कागजों पर ठोस लगती हो लेकिन आपदा के वक्त ठीक वैसी ही तस्वीर त्वरित रूप से धरातल पर उतरता. कुछ इसी तरह की बानगी गंगा के जलस्तर में वृद्धि से जिले के गोगरी व परबत्ता प्रखंड में उपजे बाढ़ के हालात में देखने को मिल रहा है. बाढ़ से इन दोनों ही प्रखंडों के कई पंचायतों में त्राहिमाम मचा हुआ है और सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. लेकिन बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत को लेकर प्रशासनिक स्तर पर वो तेजी अबतक नहीं दिखाई दे रही है.
गोगरी प्रखंड के रामपुर , बौरना, गोगरी, बन्नी, बिंदटोली, लतामबाड़ी, भदलय, इटहरी के भुड़ीया दियारा आदि क्षेत्रों में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. साथ ही सरकारी स्तर पर नाव का परिचालन पर्याप्त नहीं होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ चारागाह के भी डूब जाने से पशुपालकों को पशु को लेकर भी चिंता सताने लगी है.
उल्लेखनीय है कि भुड़ीया गांव पुल के पास की सड़क शनिवार की सुबह गंगा की तेज धार में बह गई थी. उधर जीएन बांध से इमादतपुर एवं रामपुर पश्चिम टोला जाने वाली सड़क भी टूट चुका है. जिससे प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है और बाढ़ के पानी के बीच हजारों की आबादी फंस गई है.
जिले के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन पंचायतों के दर्जनों वार्ड के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हुए है. बाढ़ का पानी घरों के अंदर प्रवेश कर जाने से दर्जनों परिवार जीएन बांध पर पर पलायन करने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ितों की मानें तो अभी तक प्रशासनिक स्तर से राहत नहीं पहुंची है. इधर रविवार को सलारपुर के जगन्नाथ राम उच्च विधालय परिसर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. साथ ही इस गांव के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हैं. गौरतलब है कि स्कूल का बड़ा परिसर बाढ़ पीड़ितों के लिए एक शरणस्थली हुआ करता था. लेकिन यहां तक भी बाढ़ का पानी पहुंच जाने से अब इस गांव के लोगों के लिए जीएन बांध ही एक विकल्प बचा है और लोग सुरक्षित ठिकाने की तलाश में जुटे हुए हैं.
बाढ़ से सौढ़ दक्षिणी के भरतखंड गांव की हालात भी चिंताजनक है. इस गांव का जीएन बांध से सड़क संपर्क टूट चुका है. उधर लगार पंचायत के तीन से चार वार्ड भी पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित है. जबकी रिंग बांध पर भी पानी का तेज दबाव बना हुआ है. छोटी लगार के वार्ड नंबर 8 के आसपास के रिंग बांध की हालत अच्छी नहीं है और बांध को सुरक्षित बचाने की जुगत मे स्थानीय ग्रामीण जुटे नजर आये.
तेमथा करारी के शर्मा टोला मे बाढ़ के कारण बीते एक हफ्ते से लोगों के बीच त्राहिमाम मचा हुआ है. माधवपुर पंचायत के मुरादपुर एवं विष्णुपुर गांव की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है. कबेला पंचायत के जागृति टोला एवं डुमरिया खुर्द के कुछ भागों में भी बाढ़ से आम लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है.
बाढ़ से माधवपुर लगार ,भरसों, कुल्हडि़या, तेमथा करारी, माधवपुर, सौढ़ उत्तरी आदि पंचायतों के एक दर्जन वार्डों में बसे परिवारों का पलायन शुरू हो चुका है. कुछ जगहों पर लोग छतों पर जिन्दगी गुजारने को मजबूर हैं. साथ ही बाढ़ पीड़ित उंचे स्थान की तलाश में भी लगे हुए हैं. सलारपुर के कुशवाहा टोला सहित कई अन्य टोले के दर्जनों घर बाढ़ के चपेट में है. गांव की सड़क के उपर से पानी बह रहा है. लोगों के बीच भय का माहौल बना हुआ है और लोग पलायन की तैयारी में हैं. बाढ़ग्रस्त कई क्षेत्रों में स्थिति ऐसी कि लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं और उनके सामने भोजन, पेयजल, शौचालय की समस्या गहराने लगी है.
बाढ़ के मद्देनजर प्रशासनिक पहल की यदि बातें की जाये तो परबत्ता के सीओ चन्द्रशेखर सिंह, प्रमुख धनंजय सिंह मोदी, थानाध्यक्ष दीपक कुमार एवं एसडीआरएफ इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम ने अगुवानी, राका, लगार, बिशौनी, सलापुर एवं भरसों आदि गांवों का जायजा लिया. मौके पर सीओ ने बताया की बाढ़ पूर्व की सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. क्षेत्र का जायजा लिया जा रहा है और जल्द ही पीड़ितों को सहायता पंहुचाया जाएगा. दूसरी तरफ बौरना पंचायत के मुखिया यासमीन, गोगरी के शांति देवी, रामपुर मुखिया कृष्णानंद यादव, परबत्ता प्रखंड के तेमथा करारी पंचायत के पूर्व मुखिया पवन चौधरी, कवेला पंचायत के मुखिया बालकृष्ण शर्मा उर्फ ललन शर्मा, माधवपुर पंचायत के मुखिया जनार्दन सिंह, समाजिक कार्यकर्ता अखिलेश्वर दास, जदयू कार्यकर्ता गौतम पौद्धार, पंचायत समिति सदस्य ललन कुमार यादव आदि ने जिला प्रशासन से बाढ़ राहत शिविर चलाने की मांग किया है.