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सावन में महिलाओं के लिए हरी चूड़ियां व हरा वस्त्र होता है बेहद खास




लाइव खगड़िया (मुकेश कुमार मिश्र) : सावन माह महिलाओ के लिए खास होता है और इस माह में हरे रंगों का बहुत महत्व माना जाता है. सावन की परंपरागत रिमझिम बारिश और प्राकृतिक वातावरण बरबस मन में उल्लास व उमंग भर देती है. यदि यह कहा जाए कि सावन का महीना पूरी तरह से शिव तथा प्रकृति को समर्पित है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. हलांकी अभी सावन का महीना शुरू ही हूआ है. इस माह में हरा रंग सुहागिन महिलाओं के लिए कुछ खास होता है. शिव के प्रिय सावन माह में कोई हरे रंग तो कोई गेरूआ रंग में नजर आता है. क्योंकि इस माह में चारों तरफ हरियाली दिखाई देती है.




जबकि महिलाओं और लड़कियों के लिए यह मौसम उनके श्रृंगार की दृष्टिकोण से सबसे मनमोहक होता है. इस मौसम में महिलाएं हरी चूड़ियां और हरा वस्त्र पहनती है. महिलाओं का सावन में हरा चूड़ी पहनने के पीछे एक राज़ छुपा है. हरा रंग सौभाग्य का रंग माना जाता है. वहीं हरे रंग को प्रेम, सुहाग, व खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है की महिलाएं सावन माह यानी हरियाली के इस मौसम में हरे रंग के श्रृंगार से भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं और अपनी खुशी का इजहार करती हैं. हरा रंग सौभाग्य और खुशहाली का रंग से जुड़ा होता है इसलिए इस माह में लोग हरे रंग के वस्त्र पहनना पसंद करते हैं. महिलाएं भगवान को खुश करने के लिए हरे रंग की चूड़ियां और वस्त्र पहनती हैं और मेंहदी लगाती है. जिससे उन्हें अखण्ड सौभाग्यवती होने का वरदान मिले. हरा रंग को बुद्ध ग्रह का रंग भी माना जाता है. खुशहाली का हरा रंग इंसान की कामयाबी के लिए बहुत शुभ माना जाता है. कहा जाता है की यह रंग व्यक्ति को उसकी उंचाइयों तक पहुंचाता है.

चर्चित गायिका प्रिति झा बताती है कि चूड़ियां मन की चंचलता को दर्शाती हैं. जबकि कंगना मातृत्व की ललक उत्पन्न करता है. सावन माह को प्रेम का प्रतीक माना जाता है. सावन माह में हरे रंग का श्रृंगार महिलाओं की खूबसूरती ना सिर्फ बढ़ाती है बल्कि यह जीवन की खुशहाली को भी दर्शाता है. सावन में महिलाएं विशेष तौर पर मेहंदी लगाती है. मेहंदी के बारे में एक यह भी मान्यता है कि जिसके हाथ की मेहंदी जितनी गहरी होती है, उसको उतना ही अपने पति और ससुराल का प्रेम मिलता है. साथ ही मेहंदी के बगैर महिलाओं का श्रृंगार भी अधूरा माना जाता है. यही कारण रहा है कि सावन आते ही महिलाओं की कलाइयों के चूड़ियों के रंग हरा हो जाते है और साथ ही उनका पहनावा भी हरे रंग में तब्दील जाता है. दूसरी तरफ सावन में जिले के मेहंदी के छोटे-बड़े मेहंदी के दुकानों में लड़कियों और महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है.साथ ही इन दिनों बाजारो में हरी साड़ी की बिक्री भी जोरों पर है.


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